पटना एयरपोर्ट के रनवे पर विमानों की लैंडिंग क्षमता में वृद्धि के लिए कैट-वन एप्रोच लाइट लगायी जायेगी. इसके लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है. कैट-वन एप्रोच लाइट एयरक्राफ्ट को लैंड करने में विजुअल सहायता करती है. इसके लगाने से पटना एयरपोर्ट पर न्यूनतम विजिबिलिटी आवश्यकता 1000 मीटर से घटकर 700 मीटर हो जायेगी और विमानों की लैंडिंग क्षमता में वृद्धि होगी व आवागमन की संख्या बढ़ेगी. इस लाइट से ठंड में कुहासा आदि के कारण होने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है और विमानों को रद्द करने की संभावना कम की जा सकती है.
शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि की अध्यक्षता में हुई एयरपोर्ट पर्यावरण प्रबंधन समिति (एइएमसी) की हुई बैठक में पटना व बिहटा एयरपोर्ट की सुरक्षा, विमान लैंडिंग व अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी. साथ ही आयुक्त ने बैठक में पूर्व में लिये गये निर्णयों की स्थिति की भी समीक्षा की. बैठक में पटना एयरपोर्ट के निदेशक अंचल प्रकाश ने एयरपोर्ट की सुरक्षा व विकास के बारे में प्रेजेंटेशन दिया.
पटना एयरपोर्ट के निदेशक ने बताया कि फ्लाइट की सुरक्षा के लिए नियमित अंतरालों पर आसपास के पेड़ों की छंटाई जरूरी है. इसके लिए पटना जू के निदेशक के साथ नियमित तौर पर समन्वय करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाती है.
राज्य सरकार के पास अपने दो विमान और दो हेलीकॉप्टर हैं, पर उसे उड़ाने के लिए स्थायी पायलट नहीं हैं. करीब तीन साल से सरकार के सिविल विमानन निदेशालय के वायुयान संगठन के पास अपना एक भी पायलट नहीं है. पायलट के रिक्त पदों को देखते हुए राज्य सरकार संविदा के आधार पर निदेशक संचालन सह मुख्य विमान चालक के पद पर संविदा के आधार पर नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है. इसको कैबिनेट ने स्वीकृति दी है. इस पद पर नियुक्ति को लेकर जल्द ही विज्ञापन जारी किया जायेगा.