बिहार में चमकी बुखार पर अब बड़ा रिसर्च करेंगी पटना और जोधपुर एम्स की टीम, मांग गयी जानकारी

मुजफ्फरपुर में एइएस पीड़ित बच्चाें की बायाेप्सी जांच में माइटाेकांड्रिया के क्षतिग्रस्त हाेने की पुष्टि के बाद इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) इस पर विस्तृत शाेध करेगी. इसके लिए एम्स, जाेधपुर व एम्स, पटना की टीम जिले आकर शोध करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2023 1:47 PM

मुजफ्फरपुर में एइएस पीड़ित बच्चाें की बायाेप्सी जांच में माइटाेकांड्रिया के क्षतिग्रस्त हाेने की पुष्टि के बाद इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) इस पर विस्तृत शाेध करेगी. इसके लिए एम्स, जाेधपुर व एम्स, पटना की टीम जिले आकर शोध करेगी. जिले में 14 टीम सर्वाधिक एइएस प्रभावित प्रखंडों में जाकर पीड़ित बच्चों से मिलेगी. यह टीम इन तीन प्रखंडाें मीनापुर, मुशहरी और कांटी के 29 गांवाें में अध्ययन करेगी. टीम लीडर एम्स जाेधपुर के नवजात शिशु विभागाध्यक्ष डाॅ अरुण सिंह ने एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी से संपर्क किया है. टीम 15 जून के बाद जिले में आयेगी. यह शाेध पांच वर्ष तक के बच्चाें पर किया जायेगा. जाेधपुर के विशेषज्ञ तीनाें प्रखंडाें के एइएस से पीड़ित होकर स्वस्थ हुए 50 और अन्य 50 स्वस्थ यानी कुल 150-150 बच्चे व उनके परिजनाें से फीडबैक जुटायेगी. एइएस का लीची से काेई संबंध नहीं हाेने की बात साबित हाेने पर पीड़ित बच्चाें की बायाेप्सी जांच पूणे में करायी जायेगी.

इस तरह से क्षतिग्रस्त हाेता है माइट्राेकांड्रिया

मनुष्य के हर सेल में पावर प्लांट हाेता है. इससे माइटाेकांड्रिया एटीपी बनाता है. बच्चे जब तेज गर्मी व धूप में खेलते -दाैड़ते हैं, ताे रात के समय सेल काफी कम संख्या में एटीपी जेनरेट करता है. इससे माइटाेकांड्रिया में सूजन आ जाता है या वह क्षतिग्रस्त हाे जाता है. इससे बच्चे के मस्तिष्क काे आवश्यकता से काफी कम मात्रा में एटीपी मिलता है. मस्तिष्क काे जब कम एटीपी मिलता है, ताे वैसे बच्चे काे चमकी आने लगती है. मुंह से झाग निकलने लगता है और अधिकतर बच्चे बेहाेश हाे जाते हैं.

Also Read: Bihar: बांका में हाइवा ने मॉर्निंग वॉक के लिए निकले तीन लोगों को कुचला, दो बुजुर्ग की मौत, एक की हालत गंभीर
तापमान का असर मापने काे आये 150 हीट सेंसर

बच्चों के शरीर पर गर्मी का असर मापने के लिए उनके घरों में हिट सेंसर लगाये जा रहे हैं. पहले चरण में मुशहरी व मीनापुर के 10 गांवाें के लिए 150 हीट सेंसर लगाये गये हैं. दिल्ली आइआइटी द्वारा बनाये गये ये सेंसर उन 100 बच्चों के घर में लगाये जायेंगे, जो 2019 में एइएस से बीमार होने के बाद स्वस्थ हुए हैं. 50 सेंसर वैसे बच्चों के घर में लगेंगे जो कभी एइएस से पीड़ित नहीं हुए.

Next Article

Exit mobile version