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Patna: हादसों की सड़क बना अटल पथ, ये गलती पड़ रही है भारी, जानें क्या है अब सरकार की योजना

उत्तर बिहार को पटना के आर ब्लॉक से जोड़ने वाले अटल पथ पर लगातार हादसे हो रहे हैं. तेजी से आती-जाती गाड़ियों के नीचे आकर लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं. इन हादसों की वजह जानने के लिए 7 .2 किमी लंबे अटल पथ पर प्रभात खबर की टीम ने कई जगहों पर पड़ताल की.

प्रीतम कुमार, पटना

उत्तर बिहार को पटना के आर ब्लॉक से जोड़ने वाले अटल पथ पर लगातार हादसे हो रहे हैं. तेजी से आती-जाती गाड़ियों के नीचे आकर लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं. इन हादसों की वजह जानने के लिए 7.2 किमी लंबे अटल पथ पर प्रभात खबर की टीम ने कई जगहों पर पड़ताल की. इसमें यह पाया गया कि इस पथ के किनारे जो बैरिकेडिंग ग्रिल लगाये गये हैं, उसे चार जगहों पर तोड़ दिया गया है. समय और शॉर्टकट के चक्कर में लोग इस पथ को ग्रिल तोड़कर पार करते हैं और यही शॉर्टकट जिंदगी पर भारी पड़ जाता है. इसी तरह डिवाइडर पर लगे डेलीनेटर्स को भी कई जगहों पर तोड़ दिया गया है. ये डेलीनेटर्स लगाने से रात में गाड़ियों की रोशनी सामने से आने वाली गाड़ियों के चालक की आंखों से नहीं टकराती है, जिस वजह से दुर्घटना की आशंका कम हो जाती है. बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बीएसआरडीसी) ने करीब 450 करोड़ से अटल पथ को तैयार कराया था. दो फेज में बनकर तैयार अटल पथ पर लगातार हादसे हो रहे हैं.

बंद हैं तीनों लिफ्ट

पहले फेज का उद्घाटन 15 जनवरी, 2021 को और दूसरे फेज का उद्घाटन 24 जून, 2022 को हुआ था. अटल पथ की दोनों तरफ घनी आबादी रहती है. पुनाईचक, मोहनपुर, महेशनगर, शिवपुरी, इंद्रपुरी,राजीव नगर, दीघा कॉलोनी में रहने वाले हजारों लोग रोज अटल पथ का इस्तेमाल करते हैं. इसके मद्देनजर चार जगहों पर फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया गया. इनमें से तीन में लिफ्ट लगायी गयी है, लेकिन ये तीनों लिफ्ट बंद है.

फुटओवरब्रिज का कम इस्तेमाल

एमएलसी फ्लैट के पास , पुनाईचक के पास, महेशनगर के पास और राजीवनगर में बीएसआरडी ने फुटओवर ब्रिज का निर्माण कराया था. इनमें पुनाईचक को छोड़ कर अन्य तीनों में लिफ्ट की व्यवस्था है. लेकिन, ये सभी लिफ्ट बंद हैं. इसके कारण स्थानीय लोग फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करने से हिचकते हैं. आसपास के लोगों ने सड़क किनारे लगे बैरिकेडिंग ग्रिल को तोड़ दिया है, ताकि फुटओवर ब्रिज पर चढ़े बिना सीधे सड़क को पार सकें.

डेलीनेटर्स को भी पहुंचा नुकसान

रात के वक्त हादसे से बचाने में डेलीनेटर्स की भूमिका काफी अहम होती है. दरअसल,डेलीनेटर्स लगे होने से गाड़ियों से निकलने वाली रोशनी सामने से आ रही गाड़ियों के चालकों की आंखों से नहीं टकराती है. इससे दुर्घटना की आशंका कम रहती है, लेकिन डेलीनेटर्स को कई जगह काट दिया गया है. स्थानीय लोग बताते हैं कि स्मैकर्स पैसों के लिए डेलीनेटर्स को काट देते हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

बीएसआरडीसी के डीजीएम (टेक) इंजीनियर प्रेम शंकर के मुताबिक,बैरिकेडिंग ग्रिल कई बार तोड़ा गया. नया ग्रिल लगाया गया. इसकी शिकायत भी पाटलिपुत्र और संबंधित थानों में की गयी है. रही बात डेलीनेटर्स की, तो इसकी व्यवस्था की जा रही है. डेलीनेटर्स का ऑर्डर दिया गया है और इसे जयपुर से मंगाया जा रहा है. उसे जल्द लगा दिया जायेगा.

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