पटना. शहर के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज को अगर केंद्रीय आयुष मंत्रालय से मान्यता मिली, तो यह देश का पहला ऐसा कॉलेज हो सकता है, जहां आयुर्वेद चिकित्सा में 14 सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई होगी. वर्तमान में आठ सब्जेक्ट में यहां पीजी की पढ़ाई हो रही है.
दरअसल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने आयुष मंत्रालय व सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआइएम) को छह सब्जेक्ट में पीजी की पढ़ाई के लिए पत्र लिखा था. इसको देखते हुए मंत्रालय ने जवाब के तौर पर कॉलेज व अस्पताल के अंदर वर्तमान में मिलने वाली सुविधाओं का पूरा ब्योरा मांगा है.
डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगर सुविधाओं के अनुसार मंत्रालय संतुष्ट होता है, तो सीसीआइएम की टीम ऑनलाइन जानकारी लेगी. इसके बाद पढ़ाई के लिए मान्यता दे सकती है. कॉलेज प्रशासन को संभावना है कि जल्द ही कॉलेज में पीजी की पढ़ाई होने लगेगी.
कॉलेज प्रशासन ने सर्जरी, शिशु रोग, पंचकर्म, हाइजीन एवं योग, फिजियोलॉजी और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में पांच-पांच सीटों पर पीजी की पढ़ाई के लिए आवेदन भेजा था. प्रिंसिपल डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने कहा कि आवेदन को मानते हुए मंत्रालय ने जानकारी लेने के लिए पत्र भेजा है.
नियमानुसार एक विभाग में दो रीडर, एक प्रोफेसर व तीन लेक्चरर होने चाहिए. गायनी व फिजियोलॉजी में रीडर, प्रोफेसर बढ़ाने की मांग स्वास्थ्य विभाग से की गयी है. सब कुछ ठीक रहा, तो यहां छह सब्जेक्ट में पीजी की पढ़ाई होगी. वर्तमान में बिहार के किसी भी सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज में पीजी की पढ़ाई नहीं होती है.
Posted by Ashish Jha