Patna कोतवाली थाना पुलिस ने शुक्रवार को लॉकेट (गले का चेन) काटने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया था.शनिवार को पुलिस काटे गए लॉकेट की तलाश में मुजरिम के घर पहुंची थी,लेकिन यहां उसके घर में रखे फ्रिज के अंदर से 44 ब्लड के पैकेट,सैकड़ों सीरिंज व अन्य आपत्तिजनक चीजें बरामद की गई.
खबरों में अक्सर आता रहता है कि मरीज को गलत खून चढ़ा दिया गया जिससे उसकी हालत सुधरने की बजाय और ज्यादा बिगड़ गई है। खून चढ़ाने की जरूरत बहुत सारी बीमारियों और सर्जरी में पड़ती है.एम्स पटना के ब्लड बैंक की इंचार्ज कहती हैं की खून को 2 से 6 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच रखना जरूरी है.घर में रखे हुए फ्रिज में फ़्रिजर के अलावा अन्य जगह 8 से 11 डिग्री सेल्सियस तापमान होता है.यदि यह खून रोगी को चढ़ाया जाए तो हीमोलिसिस से उसकी जान तक जा सकती है.
डॉक्टरों का कहना है की स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति का खून भी बिना एचआईवी,हएपिटाइटीस बी, सिफलिस समेत तमाम संक्रामक रोगों की जांच के किसी को नहीं दिया जा सकता है.औषधि विभाग का मानना है कि संतोष सिर्फ ब्लड ग्रुप की ही मैचिंग करता होगा,क्योंकि आरटी-पीसीआर या एलिजा विधी से रोगों की जांच करना एक जटिल व महंगी प्रक्रिया है.
सहायक औषधि नियंत्रक डॉक्टर ने बताया कि निवेदा ब्लड बैंक के संचालक ने संस्थान से 200 ब्लड बैग चोरी होने की प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई थी.लाइसेंसेधारी ब्लड बैंक को छोड़कर किसी अन्य को कलेक्शन के लिए ब्लड बैग नहीं दिए जा सकते है. ऐसे में इसकी प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए थी.
प्रस्तुति गरिमा झा