Christmas 2024: सजने लगे शहर के चर्च, धरा पर प्रभु यीशु के आगमन का है बेसब्री से इंतजार
Christmas 2024: उत्साह और उल्लास के साथ क्रिसमस मनाये जाने को लेकर राजधानी पटना में तैयारी जोरों पर चल रही है.
Christmas 2024: क्रिसमस को लेकर शहर भर के गिरजाघरों और चर्चों में तैयारी अंतिम चरण में हैं. संत मेरी चर्च, पादरी की हवेली, संत लूकस चर्च, कुर्जी चर्च में रंग-रोगन के साथ ही उसे रंग-बिरंगी रोशनियों व झालरों से सजाया जा रहा है. साथ ही चरणी गौशाला का निर्माण किया जा रहा है. कैरोल गीत गाकर यीशु के जन्म के महत्व को बताया जा रहा है और प्रार्थना सभाएं की जा रही हैं. क्रिसमस सेलिब्रेशन की हर कोई तैयारी कर रहा है. कोई अपने घरों को सजाने की तैयारी में जुटा है, तो कई स्वादिष्ट केक बनाने की योजना बना रहा है.
आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा चर्च
उत्साह और उल्लास के साथ क्रिसमस मनाये जाने को लेकर फुलवारीशरीफ के टमटम पड़ाव स्थित कैथोलिक चर्च (संत मेरी चर्च) और गोणपुरा ईसापुर रोड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी में जोरों पर तैयारी चल रही है. चर्च को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है. ईसाई समुदाय के घरों में लोग कैरोल गीत गाकर खुशियां मना रहे हैं. घरों में भी केक बनाने की तैयारी की जा रही है. इसे यादगार बनाने के लिए हर कोई अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहा है. कैरोल सिंगिंग की प्रैक्टिस भी करायी जा रही है.क्रिसमस पर इस बार चर्च में अच्छी खासी तादाद में श्रद्धालुओं भीड़ प्रभु ईसा मसीह के दर्शन करने को आने की उम्मीद है. टमटम पड़ाव स्थित संत मेरी चर्च एवं ईसाई समुदाय के घरों को रंग-बिरंगी झालरों से सजाया जा रहा है. फुलवारी में सभी धर्मों के श्रद्धालुओं की भीड़ क्रिसमस मनाने उमड़ती है जिससे सामाजिक समरसता आपसी भाईचारा व सौहार्द को मजबूती का संदेश मिलता है.
चरनी गोशाला से निकलेगी शोभायात्रा
पटना सिटी में अशोक राजपथ पर स्थित पादरी की हवेली महागिरजा घर चर्च 396 वर्ष का हो चुका है. महागिरजा घर का अतीत काफी समृद्ध है. वर्ष 1628 में पटना सिटी के ऐतिहासिक स्थल पादरी की हवेली में ईसाई समुदाय द्वारा चर्च की स्थापना की गयी थी. यहां प्रभु यीशु के अवतरण पर्व क्रिसमस की तैयारी में जुटे ईसाई समुदाय की ओर से मूर्त रूप दिया जा रहा है. चर्च में क्रिसमस की तैयारी के ले रोशनी से सजाने, प्रभु यीशु के अवतरण पर्व के लिए चरणी गौशाला का निर्माण कार्य कराने समेत अन्य कार्य को मूर्त रूप दिया गया है. चर्च के पल्ली पुरोहित फादर प्रवीण लावों ने बताया कि 24 दिसंबर मंगलवार की रात प्रभु यीशु के अवतरण पर्व का अनुष्ठान मिस्सा बलिदान पूजा से होगा, जो देर रात के चलेगा. मिस्सा बलिदान के बाद चर्च के मदर टेरेसा परिसर में बनायी गयी चरनी गोशाला से घंटी व कैरोल की धुन के बीच बालक यीशु व प्रतीक चिह्न लिए कैरोल गीत के साथ शोभायात्रा चर्च में पहुंचेगी, जहां संस्कार रोशनी का प्रकाश व विशेष प्रार्थना होगी. 25 दिसंबर रविवार को भी सुबह में मिस्सा बलिदान पूजा होगा.
सैनिकों के लिए विशेष है संत लूकस चर्च
दो सौ साल से अधिक पुराना बिहार रेजिमेंट सेंटर के ऐतिहासिक संत लूकस चर्च में क्रिसमस की जोर-शोर से तैयारी चल रही है.त्योहार को लेकर बच्चे, युवा व बुजुर्ग खासा उत्साह है. बता दें कि संत लूकस चर्च की नींव ब्रिटिश शासनकाल में कैप्टन थॉमसन ने रखी थी. यह चर्च साल 1827 में अस्तित्व में आया और तीन साल की मेहनत के बाद 1830 में बनकर तैयार हुआ. दानापुर आरा गोलंबर सैनिक चौक के पास स्थित संत लूकस गिरजाघर की सुंदरता देखते ही बनती है. बिहार रेजिमेंट सेंटर (बीआरसी) के सैनिकों द्वारा चर्च की देखभाल की जाती है. फादर नायक सुबेदार धर्मगुरु फादर एल विपिन ने बताया कि क्रिसमस को लेकर गिरजाघर का रंग -रोगन और सफाई की जा रही है. 24 दिसंबर की रात्रि में गिरजाघर में विशेष प्रार्थना की जायेगी, जिसमें रेजिमेंट के सैन्य अधिकारी, जवान शामिल होंगे. 25 दिसंबर की सुबह भी रेजिमेंट के सैन्य अधिकारी, उनके परिवार व जवानों द्वारा विशेष प्रार्थना की जायेगी.