पटना: गांधी मैदान में आयोजित सरस मेले में हर दिन लोग आकर अपनी पसंद की खरीददारी कर रहे हैं. महज सात दिनों में खरीद-बिक्री का आंकड़ा लगभग 6.24 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. बुधवार को 1. 11 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों और व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई. मेला के आठवें दिन गुरुवार को 94 हजार से ज्यादा लोगों ने मेले में शिरकत की. सरस मेले का समापन 29 दिसंबर को होगा.
गुरुवार को सांस्कृतिक मंच पर 12 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के उम्र के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध लिया . जैक गिटार क्लासेस के कलाकारों ने गिटार की धुन पर पुराने गानों की प्रस्तुति दी. कलाकारों ने लोक गीतों और 90 के दशक के गांव को पिरोकर नये अंदाज में पेश किया . कौन दिशा में ले के चला रे बटोहिया , जयकारा , मेला दिलों का आता है , किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार और राम जी से पूछे जनकपुर के नारी जैसे गीत की प्रस्तुति दी. महिला बाल विकास निगम के तत्वाधान में विद्या केंद्र के कलाकारों की ओर से दहेज से करो परहेज लघु नाटक की प्रस्तुति दी गयी.
नाटक के माध्यम से शादी और दहेज को लेकर पिता और पुत्री के बीच हो रहे संवाद को दिखाया गया और दर्शकों को दहेज मुक्त विवाह के लिए आग्रह किया गया. इसके बाद रंग संस्था मुस्कान के लोक कलाकारों ने लोक गीतों और गजल और सूफी गायन की प्रस्तुति की.सेमिनार हॉल में पहले सत्र में पीसीआइ से नीलमणि और राजेन्द्र प्रसाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी, पूसा से आये कमल किशोर और अशरफ ने खाद्य समूहों के बारे में चर्चा की. साथ ही गर्भवती महिला और नवजात शिशु के खान- पान को लेकर महत्वपूर्ण बातें बतायीं. दूसरे सत्र में प्रदान से आये सुबोध कुमार, सहाना, अभिषेक और विपिन कुमार ने समाज में महिलाओं में आ रहे बदलाव,उनके अधिकारों के लिए की गये कार्यों पर जागरूकता के लिए चर्चा हुई.