Patna Crime News दीघा थाने के यदुवंशी नगर स्थित न्यू माइका कॉलोनी गुरुवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. एक के बाद एक 10 से 12 राउंड फायरिंग और पत्थरबाजी की गयी है. दरअसल सत्येंद्र राय, बिमल गोप, धर्मेंद्र गोप, परमेश्वर मुखिया, पूर्व उपमुखिया श्याम बहादुर सिंह और उसके सहयोगियों ने पहले विवादित जमीन पर जमीन पर बने खटाल को उखाड़ दिया. फिर इसका विरोध करने पर नकटा दियारा के पूर्व मुखिया भागीरथ राय के घर पर चढ़कर पत्थरबाजी की और फिर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.
इसमें पूर्व मुखिया के भतीजे मुकेश कुमार उर्फ गोपी को गोली लग गयी. इसके बाद हड़कंप मच गया, जिसके बाद सभी फरार हो गये. घटना उस वक्त हुई, जब घर की महिलाएं वट सावित्री पूजा कर रही थीं. करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई गोलीबारी आधा घंटा तक चली. इस दौरान पूर्व मुखिया और उनके परिजनों ने थानेदार से लेकर वरीय अधिकारियों तक को फोन किया, लेकिन उन्होंने या तो फोन नहीं उठाया या डायल 112 पर संपर्क करने को कहा.
यहां तक कि जब डायल 112 की टीम पहुंची, तो उसने भी थानेदार को कॉल किया, लेकिन तब भी थानेदार ने फोन नहीं उठाया. गोली लगने के बाद आनन-फानन में परिजनों ने घायल मुकेश कुमार को पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया. परिजनों ने बताया कि उसे दो गोलियां लगी है. एक पैर में और दूसरा सीने में. घटना के बाद पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया.
तीन घंटे तक दीघा सब्जी मंडी के पास सड़क जाम, अगजनी
घटना के बाद पूर्व मुखिया और उनके समर्थकों ने दीघा सब्जी मंडी के पास सड़क को जाम कर दिया. पुलिस बैरिकेडिंग से सड़क को ब्लॉक कर आगजनी की और करीब तीन घंटे तक दीघा-दानापुर सड़क पर आवागमन को बंद कर दिया. हैरत की बात घटना के दो घंटे के बाद भी न तो घटनास्थल पर दीघा थाने की पुलिस पहुंची और न ही दीघा सब्जी मंडी जाम स्थल पर आयी.
पूर्व मुखिया ने बताया कि थानेदार और डीएसपी को फोन लगाया गया, उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद कोतवाली डीएसपी को लगाया, तो उन्होंने डायल 112 को कॉल करने के लिए कहा. डायल 112 को फोन लगाने के बाद भी जब कोई घटनास्थल पर नहीं पहुंचा, तो एसएसपी को फोन लगाया, तो उन्होंने भी डायल 112 की टीम को कॉल करने के लिए कह दिया. पूर्व मुखिया ने आरोप लगाया कि थाने की पुलिस और डीएसपी की मिलीभगत से यह पूरी घटना हुई है. जब हमलोग दो दिन पहले मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करने गये, तो थानेदार ने एफआइआर करने से इन्कार कर दिया और उल्टा मेरे भाई को राकेश कुमार घर से गिरफ्तार कर लेकर चली गयी.