पटना जिला प्रशासन को अगले साल जून तक मिलेगा नया भवन, जानें क्यों होगा खास
पटना समाहरणालय का नया भवन अगले साल जून तक तैयार हो जायेगा. भूकंपरोधी यह भवन बेसमेंट व भूतल के अलावा पांच फ्लोर का होगा. डचकालीन आठ पिलर को हेरिटेज के रूप में सुरक्षित रखा जायेगा. यह भवन सोलर पैनल और रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली से लैस रहेगा.
पटना समाहरणालय का नया भवन अगले साल जून तक तैयार हो जायेगा. भूकंपरोधी यह भवन बेसमेंट व भूतल के अलावा पांच फ्लोर का होगा. डचकालीन आठ पिलर को हेरिटेज के रूप में सुरक्षित रखा जायेगा. यह भवन सोलर पैनल और रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली से लैस रहेगा. समाहरणालय परिसर में 205 ओपेन पार्किंग और 240 बेसमेंट पार्किंग की सुविधा रहेगी. यहां कुल 39 विभाग संचालित होंगे. भवन के निर्माण पर 153.53 करोड़ खर्च होंगे. प्रमंडलीय आयुक्त सह भवन निर्माण कुमार के सचिव कुमार रवि ने शुक्रवार को निर्माणाधीन पटना समाहरणालय परिसर का निरीक्षण किया. उन्होंने समय से पूरा करने का संबंधित एजेंसी के प्रतिनिधि सहित कार्यपालक अभियंता गौतम कुमार को निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जून, 2024 तक यह भवन तैयार हो जायेगा.
डचकालीन आठ पिलर हेरिटेज के रूप में रखे जायेंगे
पटना हाइकोर्ट के आदेश पर समाहरणालय परिसर स्थित डचकालीन आठ पिलर को जैकेटिंग कर संरक्षित किया गया है, इसके लिए कैंपस के सेंट्रल प्लाजा में एक डेडिकेटेड पेवेलियन डिजायन किया गया है. गंगा नदी के किनारे स्थित यह परिसर स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा. जिलेवासियों के लिए यह वन स्टॉप सॉल्यूशन का काम करेगा. एक छत के नीचे जिला प्रशासन के सभी कार्यालय रहेंगे. निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग के लिए विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है.
तीन कॉन्फ्रेंस रूम चार उद्यान होंगे
समाहरणालय भवन परिसर में निगरानी के लिए 200 से 225 सीसीटीवी कैमरे लगे रहेंगे. 200 लोगों के बैठने के लिए एक कॉन्फ्रेंस रूम, 80 लोगों के लिए दूसरा कॉन्फ्रेंस रूम और 40 लोगों के लिए एक अन्य कॉन्फ्रेंस रूम रहेगा. सभी कॉन्फ्रेंस रूम प्रोजेक्टर व ऑडियो-विजुअल प्रणाली से सुसज्जित रहेंगे. परिसर में 3,484 वर्गमीटर के चार उद्यान रहेंगे. रेनवाटर हार्वेस्टिंग व ऊर्जा संरक्षण के लिए सोलर पैनल लगाये जायेंगे. समाहरणालय के भूखंड का क्षेत्रफल 43,454 वर्ग मीटर है. कुल बिल्टअप एरिया 38,812 वर्गमीटर है.
इन्होंने किया निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह, भवन निर्माण विभाग की संयुक्त सचिव वर्षासिंह, डीडीसी तनय सुल्तानिया, एसडीओ श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, आयुक्त के सचिव धीरेंद्र कुमार झा, विशिष्ट पदाधिकारी अनुभाजन, कार्यपालक अभियंता गौतम कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.