पटना: दाखिल-खारिज के मामले में डीएम ने 5 सीओ को लगायी फटकार, निष्पादन करने का दिया निर्देश
पटना के जिलाधिकारी ने दाखिल-खारिज के अधिक आवेदन लंबित रहने के कारण पटना सदर, फुलवारीशरीफ, दानापुर, बिहटा व संपतचक के सीओ को फटकार लगायी और इनका तेजी से निष्पादन करने का निर्देश दिया.
पटना. बिहार में जमीन रजिस्ट्री व दाखिल -खारिज की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे. इसी क्रम में बीते दिनों राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलों के डीएम को दाखिल- खारिज के आवेदन को बिना कारण लंबित रखने अथवा खारिज करने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने गुरुवार को इ-म्यूटेशन, परिमार्जन, भू-अर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद, सीमांकन सहित विभिन्न मामलों में अद्यतन प्रगति का जायजा लिया.
डीएम ने लंबित मामलों की समीक्षा की
इस दौरान दाखिल-खारिज के अधिक आवेदन लंबित रहने के कारण उन्होंने पटना सदर, फुलवारीशरीफ, दानापुर, बिहटा व संपतचक के सीओ को फटकार लगायी और इनका तेजी से निष्पादन करने का निर्देश दिया. डीएम ने 63 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा की.
पटना में कहां कितने मामले लंबित
फुलवारीशरीफ में 2528, पटना सदर में 2212, दानापुर में 1941, बिहटा में 1396 व संपतचक में 1324 मामले लंबित हैं. वहीं दनियावा में सिर्फ दो, बख्तियारपुर में आठ, अथमलगोला में 63 , घोसवरी में 95 खुशरुपुर में 104 मामले लंबित हैं. उन्होंने अपर समाहर्ता को दाखिल-खारिज के 75 दिनों से अधिक लंबित मामले की रिपोर्ट रखने का निर्देश दिया.
Also Read: बिहार के बड़े शहरों ने दिया मोटा राजस्व, पर छोटे शहरों में बढ़ी प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री
फस्ट इन फस्ट आउट की अपनायी जा रही प्रक्रिया
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने कहा था कि ऑनलाइन दाखिल-खारिज के अस्वीकृत मामलों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए फीफो यानी फस्ट इन फस्ट आउट प्रक्रिया अपनायी जा रही है. पहले आओ, पहले पाओ की व्यवस्था में जो वाद पहले दायर होंगे उसका निबटारा पहले होगा. अगर किसी कारण से किसी आवेदन को रोकना जरूरी हो, तो उसका कारण बताना होगा. प्रत्येक वाद केस को लंबित रखने का एक-एक दिन का हिसाब देना होगा.