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पटना DM ने छात्राओं से छेड़खानी करने वाले शिक्षक को किया सस्पेंड, बीएन कॉलेजिएट स्कूल की हेडमास्टर भी निलंबित

पटना बीएन कॉलेजिएट स्कूल की छात्राओं द्वारा शिक्षक राजेश कुमार पर लगाये गये छेड़खानी के आरोप सही पाये गये. स्कूल की महिला हेडमास्टर की लापरवाही भी सामने आयी है. जिसके बाद दोनों को पटना डीएम ने सस्पेंड कर दिया है और आगे अब विभाग की ओर से कार्रवाई होगी.

पटना के बीएन कॉलेजिएट स्कूल की छात्राओं द्वारा शिक्षक राजेश कुमार पर लगाये गये छेड़खानी के आरोप सही पाये गये हैं. साथ ही स्कूल की प्रधानाध्यापिका विजय लक्ष्मी रानी की लापरवाही, कर्तव्यहीनता व असंवेदनशीलता भी उजागर हुई है. इसके बाद प्रधानाध्यापिका व शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेज दिया गया है. शनिवार की शाम छात्राओं के शिक्षक राजेश कुमार पर लगाये गये आरोपों की जांच के लिए बनायी गयी जांच टीम में शामिल सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट को डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह को सौंप दी.वहीं रिपोर्ट में शिक्षक के ऊपर लगे आरोप सत्य पाए गए और प्रधानाध्यापिता की लापरवाही भी सामने आयी. जिसके बाद पटना डीएम ने दोनों को निलंबित कर दिया है.

सत्य पाए गए शिक्षक पर लगाये गये आरोप

रिपोर्ट में शिक्षक पर लगाये गये आरोपों को सत्य बताया गया है और प्रधानाध्यापिका की लापरवाही की भी जानकारी दी गयी है. टीम ने मामले की जांच स्कूल जाकर की. इस दौरान पीड़ित छात्राओं, आरोपी शिक्षक व प्रधानाध्यापिका से पूछताछ की. जांच रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक अपना पक्ष संतोषजनक नहीं रख पाये और बार-बार बयान बदलते रहे. प्रधानाध्यापिका द्वारा मामला संज्ञान में आने के बाद भी किसी प्रकार की आनुशासनिक कार्रवाई न तो शिक्षक के खिलाफ की गयी और न ही छात्राओं के विरूद्ध की. साथ ही प्रधानाध्यापिका से जब घटना के संबंध में पूछताछ की गयी तो उन्होंने बताया कि उन्हें न तो कोई शिकायत पत्र मिला है और न ही कोई मौखिक जानकारी मिली है.

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जांच में सामने आयी ये लापरवाही

जांच में यह भी बात सामने आयी कि स्कूल में दस महिला शिक्षिका व सात पुरूष शिक्षक कार्यरत हैं. स्कूल में न तो शिकायत पेटी है और न ही कोई आंतरिक शिकायत समिति है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापिका व शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को अनुशंसा कर दी गयी है. टीम ने शिक्षक पर लगाये गये आरोपों को सत्य पाया है और प्रधानाध्यापिका की लापरवाही भी सामने आयी है.

चार पन्नों की सौंपी गयी है रिपोर्ट

टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट चार पन्नों की डीएम को सौंपी हैं. जिसमें पूरे विस्तार से घटना के बाद हुए जांच का विवरण दिया है. टीम के समक्ष छात्राओं ने छेड़खानी करने का आरोप लगाया तो शिक्षक ने इससे इंकार किया. उसने टीम के समक्ष बताया कि छात्रा द्वारा तीन जनवरी को दो बजे दिन में प्रधानाध्यापिका को अवकाश के लिए एक ही समय में आवेदन दिया गया. इसके बाद उनके क्षरा आवेदन पर अनुशासनहीनता के कारण नामांकन रद्द होने की बात अंकित की गयी. इसी बात को लेकर उन्हें छात्राओं ने धमकी दी.

शैक्षणिक गतिविधियों व अन्य मामलों में भी पायी गयी गड़बड़ी

  • स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी नोटिस बोर्ड या अन्य माध्यमों से प्रदर्शित नहीं की गयी है.

  • किसी भी प्रकार की समिति का गठन नहीं किया गया है, जहां छात्र-छात्राएं अपनी शिकायतों को रख सकें.

  • स्कूल में छात्राओं की सुरक्षा व शैक्षणिक माहौल भी सही नहीं था.

जांच टीम में शामिल अधिकारी

वरीय उप समाहर्ता अभिलाषा सिन्हा, आइसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आभा प्रसाद व लेखा व योजना शिक्षा की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पूनम कुमारी.

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