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पटना के चार सरकारी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल होंगे स्वायत्त, बेहतर इलाज के साथ मरीजों को मिलेगी ये सुविधा

स्वास्थ्य विभाग इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की तर्ज पर राज्य के अन्य सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों को भी स्वायत्तता देने की दिशा में जुट गया है. इससे इन संस्थानों का सरकार पर निर्भरता कम होगी और बेहतर इलाज, शैक्षणिक गतिविधियां और विकास करने की क्षमता विकसित होगी.

स्वास्थ्य विभाग इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की तर्ज पर राज्य के अन्य सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों को भी स्वायत्तता देने की दिशा में जुट गया है. इससे इन संस्थानों का सरकार पर निर्भरता कम होगी और बेहतर इलाज, शैक्षणिक गतिविधियां और विकास करने की क्षमता विकसित होगी. जिन संस्थानों को स्वायत्तता देने की दिशा में पहल आरंभ की गयी है, उनमें इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी), राजेंद्र नगर नेत्र रोग अस्पताल, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल और लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी रोग अस्पताल, शास्त्रीनगर शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन सभी अस्पतालों के निदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर स्वायत्तता को लेकर चर्चा भी की जा चुकी है.

तैयार किया जा रहा है प्रारुप

सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है. पहले कागजी कार्रवाई की जा रही है जिसमें विभाग सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों को परिभाषित कर रहा है. इसके अलावा स्वायत्त संस्थानों में शक्ति को परिभाषित किया जा रहा है, जिससे संस्थान को संचालित करने की शक्ति किन किन पदों को सौंपी जायेगी. निदेशक की नियुक्ति किस विधि से की जायेगी और इन सभी स्वायत्त होनेवाले संस्थानों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किस प्रकार से किया जायेगा. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की क्या शक्ति होगी और निदेशक की भूमिका क्या होगी. इन सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों को स्वायत्तता देने के बाद विशेषज्ञों की नियुक्ति, कर्मचारियों की नियुक्ति, दवा खरीदने की विधि, साफ-सफाई और सुरक्षा एजेंसियों की आउटसोर्सिंग कैसे की जायेगी. संस्थान को फीस निर्धारित करने की शक्ति क्या होगी. जैसे मरीज के पंजीकरण, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच, ओपीडी शुल्क या आइपीडी शुल्क क्या होगा. यह शुल्क मरीजों से लिया जायेगा या मुफ्त इलाज की सुविधाएं दी जायेंगी.

अस्पतालों में डीएनबी कोर्स संचालित किया जायेगा

राजधानी के चारों अस्पतालों में डीएनबी कोर्स संचालित किया जायेगा. डीएनबी कोर्स में क्या सीट होगी और उनके प्रशिक्षण की क्या व्यवस्था होगी. इन सभी बातों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभागीय स्तर पर काम शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद राजेंद्रनगर अस्पताल को नेत्र के लिए विशेषज्ञता, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल को किडनी के लिए और लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी अस्पताल को हड्डी रोग के रोगियों के लिए विशेषज्ञता का अस्पताल बनाया. आइजीआइसी पहले से स्थापित है. अब ये संस्थान स्वायत्तता की ओर बढ़ रहे हैं.

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