Loading election data...

बिहार की बेटी के साथ ग्रेटर नोएडा में दिल्ली जैसी हैवानियत, बीटेक छात्रा को कार से टक्कर मार घसीटा

पटना जिले के दनियावां के सरथुआ गांव की बेटी व ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बीटेक अंतिम वर्ष की छात्रा स्वीटी कुमारी को शराब के नशे में रहे कार चालक ने ग्रेटर नोएडा में 31 दिसंबर की रात कुचल दिया. स्वीटी का इलाज ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में चल रहा है. वह कोमा में है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2023 9:49 PM
an image

पटना जिले के दनियावां के सरथुआ गांव की बेटी व ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बीटेक अंतिम वर्ष की छात्रा स्वीटी कुमारी को शराब के नशे में रहे कार चालक ने ग्रेटर नोएडा में 31 दिसंबर की रात कुचल दिया. इसके बाद उसे दूर तक घसीटा. स्वीटी का इलाज ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में चल रहा है और वह कोमा में है. सिर पर गंभीर चोट लगी और खून कान से निकला. चिकित्सकों ने उसका ऑपरेशन कर दिया और फिर से सीटी स्कैन कराया गया है. उसका पांव भी इस दुर्घटना में टूट चुका है. जिंदगी और मौत के बीच लड़ रही है.

31 दिसंबर की रात हुआ हादसा

स्वीटी 31 दिसंबर को रात नौ बजे अपने दो दोस्तों के साथ ग्रेटर नोएडा के डेल्टा वन सेक्टर स्थित आवास से अल्फा सेक्टर दो बस स्टॉप के पास पहुंची थी और उसी समय नशे में रहे कार चालक ने कार से तीनों को धक्का मार दिया. छात्रा स्वीटी अपने पिता शिवनंदन प्रसाद भगत की इकलौती संतान है. पिता के पास एक कट्ठा भी अपनी जमीन नहीं है और वे किसी तरह से दूसरे की जमीन को पट्टा पर लेकर खेती करते हैं और उससे होने वाली आय से अपने पूरे परिवार का जीवनयापन करने के साथ ही बेटी की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं. उनकी उम्मीद थी कि बेटी बीटेक कर इंजीनियर बन जाये और फिर उसकी नौकरी लगने पर घर की माली हालत में सुधार हो. लेकिन कार चालक ने सारे अरमानों को पलभर में खत्म कर दिया.

सहपाठी चंदा करके करा रहे इलाज

छात्रा के सहपाठियों ने ही उसे इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराया और उसके इलाज का खर्च भी चंदा लेकर उठा रहे हैं. यहां तक की सहपाठी 24 घंटे अस्पताल में हैं और छात्रा के ठीक होने की मंगलकामना करने के साथ ही उसकी सेवा में लगे हैं. पिता शिवनंदन प्रसाद भगत ने बताया कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद फिर से सीटी स्कैन कराया है. उसके इलाज में प्रतिदिन दो लाख का खर्च आ रहा है और उसके सहपाठी व दोस्त ही चंदा कर इलाज करा रहे हैं. पढ़ने में तेज होने के कारण कर्ज लेकर कॉलेज में उसका किसी तरह से एडमिशन कराया था.

छह जनवरी से शुरू थी अंतिम साल की परीक्षा

पिता शिवनंदन प्रसाद भगत ने बताया कि उनकी बेटी का अंतिम साल था और छह जनवरी को परीक्षा भी होने वाली थी. लेकिन वह अब उसमें भाग नहीं ले पायेगी और उसका भविष्य भी अंधकार में चला गया.

Exit mobile version