पटना के कदमकुआं थाने के राजेंद्रनगर ओवरब्रिज पर 27 सितंबर को सत्यम एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट एजेंसी के संचालक मनोज कुमार से लूटपाट नहीं हुई थी. इसने बिजनेस के नाम पर कई लोगों से 35 लाख का कर्ज लिया था और पैसे वापस करने के लिए लोग तकादा कर रहे थे. उस कर्ज को नहीं चुकाने के लिए इसने छह लाख की लूट होने की झूठी कहानी गढ़ी और कदमकुआं थाने में मामला दर्ज करा दिया. लेकिन, जांच के दौरान पुलिस ने सच्चाई का पता लगा लिया और मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है.
मनोज कुमार ने 27 सितंबर को पुलिस को यह जानकारी दी थी कि उसने एचडीएफसी बैंक की राजेंद्र नगर शाखा से सात लाख निकाले थे और छह लाख रुपये उसने डिक्की में रखे थे. इसके बाद वह खुद बाइक चला कर खेमनीचक स्थित आवास जा रहा था. इस क्रम राजेंद्र नगर ओवरब्रिज पर बाइक सवार चार अपराधियों ने पिस्तौल की नोंक पर उससे रकम और बाइक छीन ली थी. इसके बाद पुलिस टीम ने राजेंद्र नगर इलाके की सीसीटीवी कैमरे की जांच की, तो पता चला कि बाइक पर मनोज नहीं था, बल्कि एक युवक व उसकी पत्नी नूतन देवी थी.
आरोपी के बयान से पुलिस को कुछ गड़बड़ी का शक हुआ और मनोज और उसके भांजे से सख्ती से पूछताछ की, तो दोनों ने सच्चाई बता दी. मनोज ने यह बताया कि उसने 35 लाख कर्ज ले रखा है और लोग प्रतिदिन पैसे वापसी के लिए परेशान कर रहे थे. उसने सोचा कि इस तरह वह कहानी रच देगा, तो लोग उसे तत्काल परेशान करना छोड़ देंगे. साथ ही बाइक के बीमा का पैसा भी मिल जायेगा. मनोज ने सितंबर में ही नयी बाइक ली थी, जिससे बीमा कंपनी से बाइक का पैसा मिल सकता था. इसके बाद पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार कर लिया और 1.32 लाख नकद व लूटी गयी बाइक भी बरामद कर ली. मनोज ने छह लाख में से दो लाख पत्नी के खाते में जमा कर दिये थे, इसलिए उसके खाते को पुलिस ने फ्रिज कर दिया.
मनोज पटना के खेमनीचक इलाके में रह कर ट्रांसपोर्ट का धंधा करता था. हालांकि, यह मूल रूप से नालंदा के तेल्हारा थाने के मेदिनी बिगहा गांव का रहने वाला है. एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि जांच में यह बात भी सामने आयी है कि मनोज कुमार चोरी के आरोप में नालंदा के तेल्हारा और एकंगरसराय थाने से तीन बार जेल जा चुका है.