पटना HC ने पूर्व कानून मंत्री कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर किया, इस आधार पर मिली राहत

Patna High Court: साल 2014 में बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण कर लिया गया था. इसको लेकर बिहटा थाने में कांड संख्या 859/2014 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में कार्तिक सिंह को भी आरोपी बनाया गया था. फिलहाल यह मामला दानापुर मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास के पास लंबित है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2022 7:58 PM

Patna High Court: बिहार के पूर्व कानून मंत्री विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार ऊर्फ कार्तिक सिंह की जमानत याचिका को पटना हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है. बता दें कि इससे पूर्व हाईकोर्ट के जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला को सुरक्षित रख लिया था. जिसका फैसला आज सुनाया गया. इस फैसले के बाद पूर्व कानून मंत्री को बड़ी राहत मिली है.

इस आधार पर मिली जमानत

विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार ऊर्फ कार्तिक सिंह के वकिल ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया था कि प्राथमिकी में कार्तिकेय कुमार का नाम नहीं था. इसके अलावे पीड़ित और सूचक ने भी उनके नाम का जिक्र नहीं किया था. यह घटना 14 नवंबर 2014 की है. जिस दौरान वे सरकारी स्कूल में ड्यूटी पर थे. स्कूल की ड्यूटी रजिस्टर में हस्ताक्षर अंकित है. बता दें कि इन्ही तथ्यों के आधार पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट ने अग्रिम जमानत मांगी. जिसे हाईकोट ने सुनवाई के बाद मंजूर कर लिया.

किस मामले में मिली हैं जमानत ?

बता दें कि साल 2014 में बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण कर लिया गया था. इसको लेकर बिहटा थाने में कांड संख्या 859/2014 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में कार्तिक सिंह को भी आरोपी बनाया गया था. फिलहाल यह मामला दानापुर मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास के पास लंबित है.

अपहरण कांड का पूरा ब्योरा

बिहटा थाना में कांड संख्या 859/2014 में दर्ज मामले के तहत अपहृत राजू सिंह के भतीजे सचिन कुमार ने 14 नवंबर 2014 को बिहटा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. सूचना में सचिन कुमार ने पुलिस को बताया था कि उनके चाचा राजीव रंजन सिंह उर्फ राजू सिंह को पांच अलग-अलग वाहनों से आये बदमाशों ने अपहरण कर लिया है. रिपोर्ट में मोकामा विधायक अनंत सिंह, बंटू सिंह व अन्य 16 पर अपहरण का आरोप लगाया था.

मंत्री पद से देना पड़ा था इस्तिफा

बता दें कि महागठबंधन की सरकार में कार्तिक कुमार को कानून मंत्री बनाया गया था. अपहरण केस को लेकर वारंट विवाद में घिरने के बाद कार्तिक सिंह का पहले मंत्रालय बदला गया था. इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया था. दरअसल, जिस दिन उन्हें एक अपहरण केस में कोर्ट में सरेंडर करना था. उसी दिन उन्होंने राजभवन पहुंच कर मंत्री पद की शपथ ले ली थी. इस वजह से उनको अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बताते चलें कि RJD कोटे से मंत्री बने कार्तिक सिंह मोकामा के पूर्व विधायक अंनत सिंह के बेहद खास बताये जाते हैं.

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