बिहार के 12 विश्वविद्यालयों में होने वाले असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली रद्द हो गयी है. बताया जा रहा है कि पटना हाईकोर्ट में जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसर के बहाली के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बड़ा फैसला दिया है. इस याचिका पर कोर्ट ने अपना फैसला 10 जनवरी 2023 को सुरक्षित रख लिया था. आज इस फैसले को सुनाया गया है. बहाली के लिए बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा 2020 में विज्ञापन निकाला गया है.
पटना हाईकोर्ट ने नए सिरे से बहाली निकालने का दिया आदेश
पटना हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को आदेश दिया कि आरक्षण के प्रावधानों के अनुरुप नए सिरे से विज्ञापन निकाल कर इन पदों पर बहाली करने का आदेश. हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कुछ विषयों, अरबी, फारसी व अन्य में अस्टिटेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति पर कोई प्रभाव नहीं होगा. इन विषयों में पदों की संख्या 150 है. प्रावधान के अनुसार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती. मगर बहाली में इस गाइडलाइन का पालन नहीं किया है. इसी कारण से बहाली को रद्द कर दिया गया है.
कोर्ट ने नियुक्ति पत्र नहीं देने का दिया था आदेश
इस मामले की पैरवी पटना हाईकोर्ट में कर रहे वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बताया कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के विज्ञापन में आरक्षण की सीमा का ध्यान नहीं रखा था. आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं दी जा सकती है. लेकिन आयोग ने कुल 4638 पदों में से केवल 1223 पद ही सामान्य श्रेणी के लिए रखा था. मामले में 20 दिसंबर 2022 को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि आयोग कोर्ट के अगले आदेश तक किसी अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र जारी नहीं करे.