Bihar news: पटना हाइकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने के एक मामले में पटना सिटी के सब जज-6 से जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने आफताब हुसैन द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि पटना सिटी के सब जज-6 अपने पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं. कोर्ट ने उनसे छह सप्ताह में इस मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा है. कोर्ट ने उनसे यह पूछा है कि पिछली सुनवाई में एकलपीठ ने जो निर्देश उन्हें दिया था, उसका अनुपालन अभी तक उनके द्वारा किया गया है या नही.
मामला पटना के सुल्तानगंज थाना अंतर्गत संदलपुर के धनुकी मौजा स्थित साढ़े पांच एकड़ जमीन पर राज्य परीक्षा समिति के परीक्षा हॉल व केंद्र के निर्माण का है. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उक्त जमीन पर टाइटल सूट के तहत पटना सिटी के सब जज की अदालत में मुकदमा चल रहा है, जिसपर निचली अदालत से निषेधाज्ञा आदेश जारी है. परीक्षा केंद्र का निर्माण उक्त निषेध आदेश का उल्लंघन कर किया जा रहा है.
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उक्त टाइटल सूट में जब राज्य सरकार पक्षकार है ही नहीं, तो उस पर वह निषेधाज्ञा लागू नहीं होती और न ही उस पर इस आदेश की कोई बंदिश है. फिर भी न्याय हित में पटना डीएम ने उक्त टाइटल सूट में पक्षकार बनने की इजाजत मांगी, जिसे हाइकोर्ट ने चार जुलाई को मंजूरी दी. साथ ही संबंधित निचली अदालत को निर्देश दिया था कि राज्य सरकार की तरफ से पक्षकार बनाने के लिए जो आवेदन पड़ेगा, उस पर रोजाना सुनवाई करते हुए उसका निबटारा दो सप्ताह में कर देगी.
इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से हाइकोर्ट को बताया गया कि पटना सिटी के सब जज 6 के समक्ष आवेदन देने के बावज़ूद न तो रोजाना उस मामले की सुनवाई हो रही है और न ही उस मुकदमे में कोई आदेश ही पारित किया जा रहा है. इतना ही नहीं, इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि चार महीने बाद निर्धारित की गयी है. उल्टा सुनवाई की तारीख चार माह बाद की तय की गयी है.
इसी पर कोर्ट ने कहा कि लगता है पटना सिटी के अवर न्यायाधीश-6 को हाइकोर्ट का आदेश समझ में नही आता है या वे आदेश समझने के बावजूद उसका अनुपालन नहीं करते हुए अवमानना कर रहे हैं. दोनों ही स्थितियों में वे अपनी कुर्सी पर बने रहने के लायक नहीं हैं.