पटना हाइकोर्ट में इस सप्ताह के बाद गर्मी की छुट्टी होने वाली है. सोमवार से शुक्रवार तक द्वितीय पाली में ज्यादातर न्यायाधीशों के यहां जमानत संबंधी मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना है. इसी कड़ी में पहले दिन सोमवार को न्यायाधीश आलोक कुमार की अदालत में शराबबंदी से जुड़े कुल 192 नियमित जमानत के मामले सूचीबद्ध किये गये थे. जस्टिस पांडे ने इन मामलों की त्वरित सुनवाई और निष्पादन करते हुए 120 मिनट में कुल 175 मुकदमों का निष्पादन किया. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड निष्पादन है.
पुलिस और उत्पाद विभाग ने दिसंबर 2021 से अब तक 1553 वीआइपी लोगों को भी शराब के नशे में पकड़ा है. इनमें सबसे अधिक 144 सरकारी कर्मी, 115 जनप्रतिनिधि, 39 डाॅक्टर और 23 अधिवक्ता शामिल रहे. मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने सोमवार को प्रेस वार्ता में बताया कि मद्यनिषेध अधिनियम के तहत सिर्फ उत्पाद टीम हर दिन औसत 784 लोगों को गिरफ्तार कर रही है. पिछले साल अप्रैल में उत्पाद कानून में हुए संशोधन के बाद से 3350 अभियुक्त दोबारा शराब के नशे में पकड़े गये हैं. इनमें 1985 को उत्पाद विभाग ने, जबकि 1365 को पुलिस ने पकड़ा है.
विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि विभाग ने एक अप्रैल, 2022 के बाद से अब तक छह हजार 215 गाड़ियों को अर्थदंड लेकर छोड़ा है. शराब के साथ पकड़ी गयी इन गाड़ियों से जुर्माने के रूप में 37 करोड़ रुपये की वसूली की गयी. सचिव ने बताया कि अभी तक एक लाख 61 हजार से अधिक ट्रायल पूरे हो चुके हैं, जिनमें एक लाख 60 हजार 111 व्यक्तियों को सजा दी गयी है. पिछले चार माह में सजा दर 99 प्रतिशत रही है. 287 व्यक्तियों को पांच साल, 43 को सात साल, जबकि 37 व्यक्तियों को दस साल की सजा सुनायी गयी है.
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सचिव ने बताया कि निबंधन विभाग ने एक अप्रैल से 15 मई तक निबंधन से करीब 713 करोड़ का राजस्व हासिल किया है. इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 6300 करोड़ रखा गया है. आमलोगों को निबंधन करने में परेशानी न हो इसके लिए 25 प्रकार के माॅडल डीड वेबसाइट पर अपलोड किये गये हैं, जिसे देखकर निबंधन दस्तावेज बनाये जा सकते हैं. इसके साथ ही पुराने दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का काम भी चल रहा है.