Ankita Case: सोशल मीडिया पर उठ रही जस्टिस फॉर अंकिता की मांग, एक तरफा प्यार में पागल सनकी ने की थी हत्या
Ankita Singh Murder Case: झारखंड के दुमका की रहने वाली अंकिता की मौत से पूरे देश में रोष का माहौल है. अंकिता को शाहरुख हुसैन नाम के युवक ने उस समय पेट्रोल डालकर जला दिया था, जब वो अपने घर में सो रही थी. इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट की अधिवक्ता ने दुख जताया है.
Ankita Singh Murder Case: झारखंड के दुमका की रहने वाली अंकिता की मौत से पूरे देश में रोष का माहौल है. अंकिता को शाहरुख हुसैन नाम के युवक ने उस समय पेट्रोल डालकर जला दिया था, जब वो अपने घर में सो रही थी. हादसे के पांच दिन तक जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही अंकिता ने बीते दिनों अस्पताल में आखिरकार दम तोड़ दिया था. उसके कत्ल के इल्जाम में आरोपी शाहरुख को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
सोशल मीडिया पर उठ रही जस्टिस फॉर अंकिता की मांगअंकिता और शाहरुख के अलग-अलग धर्म के होने के चलते इस मामले को सांप्रदायिक एंगल भी देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर लगातार जस्टिस फॉर अंकिता की मांग उठ रही है. अब इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट की वरिय महिला अधिवक्ता और एडवोकेट्स एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव छाया मिश्र ने इस जघन्य घटना पर दु:ख व्यक्त किया है.
दरअसल, बीते दिनों एकतरफा प्यार में पागल सनकी शाहरुख ने बीते दिनों झारखंड के दुमका में रहने वाली अंकिता सिंह को जलाकर मार दिया था. इस विभत्स घटना को अंजाम देने वाले आरोपी का नाम शाहरुख हुसैन है. आरोप है कि आरोप है कि शाहरुख, अंकिता से एकतरफा प्यार करता था. ऐसे में जब अंकिता ने शाहरुख के प्रेम इजहार का इनकार किया तो, सनकी शाहरुख ने 23 अगस्त की सुबह चार बजे शाहरुख अपने दोस्त छोटू के साथ दुमका के जरूवाडीह मोहल्ले में पहुंचा. जहां अपने घर में सो रही अंकिता के ऊपर शाहरुख ने खिड़की से पेट्रोल छिड़ककर उसको आग के हवाले कर दिया और मौके से भाग गया.
अंकिता ने रांची के रिम्स मे ली थी आखिरी सांसइस विभत्स घटना के बाद अंकिता के परिजन पहले गंभीर रूप से झुलसी अंकिता को लेकर दुमका के अस्पताल में गए. जहां से उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया था. गंभीर रुप से झुलसी अंकिता पांच दिनों तक अस्पताल में हिम्मत दिखाती रही. लेकिन आखिरकार अंत में अंकिता जिंदगी से जंग हार गई थी. आखिरी सांस लेने से पहले अंकिता ने यहां तक कहा कि ‘जैसे मैं तड़प-तड़प कर मर रही हूं, वैसे ही आरोपियों को मारा जाए.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने किया ट्वीटइस वारदात के बाद से ही झारखंड-बिहार समेत देशभर के अलग अलग हिस्सों में विरोध की आवाजें तेज होने लगी है. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा है कि अंकिता के साथ हुई हैवानियत के बाद उसकी मृत्यु ने हर भारतीय का सिर शर्म से झुका दिया है. आज, देश में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की सख़्त ज़रुरत है. अंकिता और उसके परिवार को न्याय तभी मिलेगा जब इस दरिंदगी को अंजाम देने वाले को जल्द से जल्द कड़ी सज़ा मिलेगी.
अंकिता के साथ हुई हैवानियत के बाद उसकी मृत्यु ने हर भारतीय का सिर शर्म से झुका दिया है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2022
आज, देश में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की सख़्त ज़रुरत है।
अंकिता और उसके परिवार को न्याय तभी मिलेगा जब इस दरिंदगी को अंजाम देने वाले को जल्द से जल्द कड़ी सज़ा मिलेगी।
वहीं, देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने ट्वीट कर एक गंभीर सवाल पूछा है. अपने ट्वीट में डॉ. सिंह ने लिखा है कि ‘रेपिस्ट को छोड़ने वाली न्यायालय से रेप पर कानून बनाने की उम्मीद रखना, क्या सही है ?
रेपिस्ट को छोड़ने वाली न्यायालय से रेप पर कानून बनाने की उम्मीद रखना,,
— Dr Manamohan Singh 💙 (@Mr_ManmohanSing) August 29, 2022
क्या सही है?
https://t.co/WUA7fNBwCC
वहीं, इस कांड को लेकर पटना उच्च न्यायालय की वरीय महिला अधिवक्ता और एडवोकेट्स एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव छाया मिश्र ने इस जघन्य घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि अंकिता के पिता ने रांची के डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. अंकिता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली नहीं भेजा जा सका. जो एक गंभीर सवाल है. उन्होंने कहा कि बालिका अंकिता को पहले स्टेप पर ही न्याय नहीं मिला. इसके अलावे छाया मिश्र ने कहा कि बिहार और झारखंड में न्यायमूर्ति जेएस वर्मा आयोग की सिफारिशों का ही तरीके से अमल नहीं हो रहा है. निर्भया कोष में 3000 करोड़ रुपये जमा हैं. इन दोनों राज्यों में राशि का समुचित उपयोग भी नहीं किया जा रहा है. उन्होंनेमांग करते हुए कहा कि अंकिता की हत्या का मुकदमा पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया जाए. क्योकि अंकित नाबालिग थी. इसके अलावे मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो, जिससे बच्ची को न्याय मिल सके.