पटना हाईकोर्ट में विश्वविद्यालयों में छात्रों की दयनीय स्थिति पर सुनवाई, सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब
पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को कहा कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में स्थित छात्रों के हॉस्टलों की दयनीय स्थिति के बारे में सरकार द्वारा जो भी कार्रवाई की गयी है उसकी पूरी जानकारी दो सप्ताह में कोर्ट को दी जाये.
बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में स्थित छात्रों के हॉस्टलों की दयनीय स्थिति को लेकर दायर की गयी लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा द्वारा इस मामले को लेकर दायर की गयी लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने सरकार को कहा कि इस मामले में उसके द्वारा जो भी कार्रवाई की गयी है उसकी पूरी जानकारी दो सप्ताह में कोर्ट को दी जाये. याचिकाकर्ता विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने कोर्ट को बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों व उनके काॅलेजों में छात्रों के हॉस्टलों की स्थिति काफी दयनीय है. वहां बुनियादी सुविधाएं जैसे साफ -सुथरे और अच्छे कमरे, स्वच्छ शौचालयों, शुद्ध पेयजल, कैंटीन, बिजली आदि की सुविधाएं तक भी उपलब्ध नहीं हैं. वहां रह रहे छात्रों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है . इसका प्रभाव उनकी पढ़ाई और उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.
नए हॉस्टलों क निर्माण की मांग
विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने कोर्ट से अनुरोध किया कि छात्रों के लिए नए हॉस्टलों का निर्माण किया जाये, जिनमें उनके लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध हों ताकि उन्हें रहने और पढ़ने लिए सही माहौल मिले. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 23 अक्टूबर, 2019 को मुख्य सचिव और सभी संबंधित पक्षों को एक अभ्यावेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि छात्रों के लिए साफ- सुथरे कमरे, स्नानघर, शौचालयों, बिजली आदि की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें.
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