बिहार में 10 हजार से ज्यादा ANM की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पुराने नियमों पर ही होगी बहाली
पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए 10 हजार एएनएम की नियुक्ति प्रक्रिया में पुराने नियमों और उनके द्वारा प्राप्त अंकों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है.
बिहार में करीब 10 हजार ANM की बहाली को लेकर पटना हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा की राज्य में एएनएम की नियुक्ति पूर्व के नियमों और उनके द्वारा प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर की जाये. इस मामले को लेकर दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश के वी चन्द्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने फैसला सुनाया है. सोमवार को कोर्ट के इस ऑर्डर के बाद बहाली का इंतजार कर रहे ANM अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौर गई है.
18 अप्रैल को पूरी हो गई थी सुनवाई
इस मामले में कोर्ट ने 18 अप्रैल को ही सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार की ओर से दायर सभी अपीलों को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया. इससे पहले कोर्ट ने सरकार को मौखिक रूप से कहा था कि वह 2 अप्रैल से पहले एएनएम नियुक्ति से जुड़े नतीजे घोषित न करें.
मालूम हो कि हाई कोर्ट की एकल पीठ के न्यायाधीश जस्टिस मोहित कुमार शाह ने एएनएम के पदों पर बहाली का फैसला सुनाया था. राज्य में एएनएम की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी नियुक्ति उनके द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर ही होगी.
28 जुलाई 2022 को प्रकाशित हुआ था विज्ञापन
गौरतलब है कि राज्य में एएनएम की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी थी. करीब दस हजार एएनएम की नियुक्ति के लिए विज्ञापन संख्या 7/2022, 28 जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया था. इसके मुताबिक, बिहार तकनीकी सेवा आयोग को अभ्यर्थियों की अन्य योग्यताओं के अलावा प्राप्त अंकों के आधार पर उनकी नियुक्ति करनी थी, लेकिन बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने 19 सितंबर 2023 को विज्ञापन में बदलाव किया, जिसमें इन सभी अभ्यर्थियों से यह कहा गया था कि आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मिलित हों.
प्राप्त अंकों के आधार पर होगी नियुक्ति
आयोग के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा 19 सितंबर 2023 को नियुक्ति प्रक्रिया के लिए जारी नोटिस को रद्द कर दिया और निर्देश दिया कि एएनएम की नियुक्ति प्राप्त अंकों के आधार पर की जाएगी. हाई कोर्ट के इस आदेश को सरकार ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी.