Bihar news: पटना हाइकोर्ट ने अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने पर पटना पुलिस के प्रति कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने पटना पूर्वी के एसपी के साथ ही पटना सिटी के अंचलाधिकारी और अगमकुआं थाना के प्रभारी आठ दिसंबर को तलब किया है.
न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने इस संबंध में दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब पुलिस ही ऐसा काम करेगी तो फिर सिविल कोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं प्रतीत होता है. कोर्ट ने पुलिस के मनमाने रवैये पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या यहां भी पुलिस का बुलडोजर चलेगा. तमाशा बना दिया.. किसी का भी घर बुलडोजर से ढाह देंगे. कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या पुलिस को वो सारी ताकत मिल गयी है जो कोर्ट के पास मौजूद है.
कोर्ट ने पुलिस के इस गलत रवैये पर चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में कोर्ट पांच लाख रुपये के मुआवजे का आदेश भी दे सकता है, जिसे पुलिस अधिकारियों को अपनी जेब से देना पड़ेगा.
कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि भू-माफिया की शह पर याचिकाकर्ता व उसके परिवार वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. कोर्ट ने इस प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश देते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश संबंधित पुलिस को दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई आठ दिसंबर को फिर की जायेगी.
अगमकुआं थाना क्षेत्र के एक घर को अवैध बताते हुए बुलडोजर से ढाह दिया गया था. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने भू-माफिया के साथ मिलकर ऐसा किया. इसी मामले पर हाइकोर्ट में सजोगा देवी ने याचिका दायर की थी.