बिहार में दूसरे राज्य की गाड़ियों से शराब तस्करी पर पटना हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव को दिया ये निर्देश
बिहार में पड़ोसी राज्य या किसी अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों से हो रही शराब तस्करी को गंभीरता से लेते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
पटना हाईकोर्ट ने राज्य के बाहर निबंधित हुए गाड़ियों से की जा रही शराब की तस्करी के मामले को गंभीरता से लिया हैं. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करे. कोर्ट ने इसके साथ ही मुख्य सचिव से कहा की उत्पाद अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेटों को देश के किसी अन्य राज्यों में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए भेजने की भी वे व्यवस्था करें, ताकि शराब माफिया की तस्करी से राज्य की अर्थव्यवस्था को चौपट होने से रोका जा सके. न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह की एकलपीठ ने सीताराम साह उर्फ सीताराम साहा की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश देते हुए उक्त निर्देश दिया.
अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों के सत्यापन के निर्देश
कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य में हो रहे शराब की हो रही अवैध बिक्री की निंदा करते हुए मुख्य सचिव को कहा की वे राज्य के विभिन्न जिलों के सभी जिला परिवहन अधिकारियों को वैसे वाहनों के वास्तविक मालिकों का सत्यापन करने का आदेश दिया है जो विशेष रूप से पड़ोसी राज्य या किसी अन्य राज्यों में पंजीकृत हैं. बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी और जहरीली शराब की त्रासदी किसी से छुपी नहीं है. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश की प्रति भेजने का आदेश दिया ताकि वह अधिकारियों को फिर से समझा सकें.
क्या बोले याचिकाकर्ता के अधिवक्ता…
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिनकर कुमार ने कोर्ट को बताया कि पश्चिम बंगाल में पंजीकृत गाड़ी से 62 लीटर विदेशी शराब बरामदगी का केस दर्ज किया गया है. उनका कहना था कि दर्ज प्राथमिकी में आवेदक का नाम कही नहीं है बाद में गाड़ी के ड्राइवर के ब्यान पर आवेदक का नाम गाड़ी मालिक के रूप में नाम दर्ज किया गया है. उनका कहना था कि गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गाड़ी की जिम्मेवारी बीमा कंपनी की है. बीमा कंपनी ही बता सकती है कि इस गाड़ी से कैसे शराब की तस्करी की जा रही थी.
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शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन पर तीखी टिप्पणी
कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से पेश की गई दलील और दायर कागजात देखने के बाद आवेदक को अग्रिम जमानत दी और शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन के कार्रवाई पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में सही मायने में शराबबंदी कानून को लागू करने में नाकाम रहने का नतीजा है कि सूबे में धड़ल्ले से शराब करोबार चल रहा है.
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