बिहार में शराब मिलने पर पूरे परिसर के लिए नहीं होगी ये कार्रवाई, हाईकोर्ट ने दिए एक और अहम निर्देश..
Bihar News: बिहार में शराब जब्ती के बाद होने वाली कार्रवाई को लेकर पटना हाईकोर्ट ने अहम निर्देश दिए हैं. जानिए...
बिहार में शराब मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने फिर एकबार अहम निर्देश दिए हैं. शराब बरामदगी मामले में कार्रवाई को लेकर अगर उस पूरे परिसर को सील करके राज्यसात किया जाता है तो ये गलत होगा. हाईकोर्ट ने अब इस कार्रवाई पर आपत्ति जतायी है और निर्देश दिए गए हैं कि केवल उस जगह को ही राज्यसात किया जा सकता है जहां से दारू की बरामदगी की गयी है.
शराब बरामदगी के बाद पूरे परिसर को राज्यसात करना गलत
शराब बरामदगी के बाद पूरे परिसर को सील कर राज्यसात किये जाने की कार्रवाई को गलत करार देते हुए हाइकोर्ट ने कहा कि जहां से दारू बरामद की गयी है, केवल उसी जगह को राज्यसात किया जा सकता है. न्यायमूर्ति पीबी बजन्थरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने गया के शिवराज चौधरी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की.
आटा मिल से शराब बरामदगी के मामले में सुनवाई
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि गया कि खिजीरसराय स्थित शिव भोग आटा मिल के ग्राउंड फ्लोर से 314 लीटर से ज्यादा शराब बरामद की गयी थी. पुलिस द्वारा तीन तल्ले के पूरे मकान को जब्त कर संपत्ति को राज्यसात करने की कार्रवाई की जाने लगी. हाइकोर्ट को बताया गया कि शराबबंदी कानून के तहत जिस जगह से शराब बरामद होगी, उसी जगह को जब्त कर आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए न कि पूरे परिसर को जब्त कर राज्यसात की जानी चाहिए.
आटा मिल को निलाम करने से रोक की मांग
याचिकाकर्ता के द्वारा एडिशनल क्लेक्टर, असिस्टेंट कमिश्नर और अपर मुख्य सचिव की ओर से पारित आदेश को निरस्त करने की मांग कोर्ट से करते हुए संपत्ति के मूल्यांकन रिपोर्ट को भी निरस्त करने और शिव भोग आटा मिल को नीलामी करने से रोकने की मांग कोर्ट से की गयी .
शराब के साथ हाजमोले के कार्टून को जब्त करने पर भी नाराजगी
कोर्ट को कहा गया की सिर्फ उसी जगह को राज्यसात कर नीलामी के लिए मूल्यांकन कर आगे की कार्रवाई की जाये जहां शराब की बरामदगी हुई है. इसी खंडपीठ ने शराब के साथ हाजमोले के कार्टून को भी जब्त कर लिए जाने के मामले पर सरकार से 26 फरवरी तक पूछा है कि आखिर यह कार्रवाई किस कानून के तहत की गयी है. कोर्ट ने कहा कि अगर अगली तारीख तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है ,तो कोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस या आबकारी विभाग के संबंधित अधिकारी को तलब करेगा.
बाइक जब्ती मामले में भी हाईकोर्ट ने दिया है अहम फैसला..
गौरतलब है कि इसी माह फरवरी में पटना हाईकोर्ट ने शराब मामले में जब्त दोपहिया वाहनों के मामले में भी अहम निर्देश दिए हैं. पटना हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर किसी दोपहिया वाहन पर बैठे किसी व्यक्ति के पास शराब की जब्ती होती है, और वो वाहन उन दो व्यक्तियों में किसी का नहीं है तो उसी स्थिति में वाहन की जब्ती नहीं होगी.