पटना हाईकोर्ट ने केके पाठक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का दिया आदेश, जानें क्या है मामला
पटना हाईकोर्ट में जस्टिस पीवी बजंत्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को दो अलग-अलग मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक व मगध प्रमंडल के आयुक्त सहित गया के डीएम के खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.
पटना हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के विरुद्ध गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. जस्टिस पीवी बजंत्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अदालती आदेश की अवमानना को लेकर घनश्याम प्रसाद सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.
हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को उपस्थित होने का दिया था निर्देश
मामला याचिकाकर्ता को उच्च वेतनमान देने के साथ ही अन्य सुविधा देने से संबंधित है. कोर्ट ने छह जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को अदालती आदेश का पालन नहीं होने पर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. अदालती आदेश के बाद भी अपर प्रधान सचिव कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. इसी बात पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे अवमानना का मामला मानते हुए गिरफ्तारी का यह जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया है.
मामले में 20 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
शिक्षा विभाग के अपर प्रधान सचिव के के पाठक की ओर से कोर्ट के सामने उपस्थित हुए अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने बताया कि के के पाठक ने जून, 2023 में शिक्षा विभाग में अपने पद पर योगदान दिया है . नालंदा जिला के एक शिक्षक घनश्याम प्रसाद सिंह को हेड मास्टर के पद पर प्रोन्नत का आदेश जारी किया गया. उन्होंने बताया कि अपर प्रधान सचिव द्वारा नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर आदेश का पालन किये जाने का निर्देश दिया गया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी , नालंदा ने आदेश का पालन कर विभाग को सूचित किया. उस शिक्षक ने भी आदेश के अनुपालन होने की बात को स्वीकार किया. इसी मामले में के के पाठक को कोर्ट में पेश होना था. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.
के के पाठक ने जून 2023 में संभाला था शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद
बता दें कि जून 2023 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभालने के बाद से के के पाठक लगातार सुर्खियों में बने हुए है. हाल ही में राज्य के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और एसीएस के के पाठक के बीच हुआ विवाद काफी चर्चा में था. इस मुद्दे पर राज्य में जमकर सियासत भी हुई थी. एक तरफ जहां जदयू और राजद के नेता आमने सामने आ गए थे वहीं, इस मुद्दे को लेकर भाजपा राज्य सरकार पर हमलावर थी. आखिर में इस विवाद को सुलझाने के लिए सीएम नीतीश कुमार को मध्यस्था करनी पड़ी थी, तब जा कर मामला कहीं शांत हुआ था.
सुर्खियों में बने रहते हैं के के पाठक
वहीं शिक्षकों की नियुक्ति व अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा के विधानसभा मार्च से ठीक एक दिन पहले अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने एक पत्र जारी किया था. जारी किए गए पत्र में कहा गया था कि 13 जुलाई को सभी शिक्षकों का स्कूल में उपस्थित होना अनिवार्य है. जो भी शिक्षक 13 जुलाई को अपने स्कूल में मौजूद नहीं रहेंगे, उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया जायेगा. इसके अलावा दूसरे शिक्षकों को भड़काने वाले शिक्षकों पर भी प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश के के पाठक ने दिया था.
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हाइकोर्ट ने मगध प्रमंडल के आयुक्त सहित गया के डीएम के खिलाफ जारी किया वारंट
इधर, पटना हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति पीवी बजंत्री और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने अजीत सिंह की ओर से दायर एक अन्य अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मगध प्रमंडल के आयुक्त सहित गया के डीएम के खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट को बताया गया कि अतिक्रमण हटाने और विधि व्यवस्था को नियंत्रित करने के नाम पर अधिकारियों के लिए गाड़ी ली गयी थी. अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रदर्शनकारी समूह और भीड़ ने विक्टा सूमो गाड़ी को 13 जुलाई 2012 को जलाकर राख कर दिया. जिसको लेकर प्राथमिक भी दर्ज कराई गई. गाड़ी के मुवावजा के लिए हाई कोर्ट में केस दायर की गयी.
अदालती आदेश पालन नहीं करने पर दायर की गई अवमानना याचिका
हाइकोर्ट की खंडपीठ ने 11 अक्तूबर 2017 को तीन माह के भीतर गाड़ी मालिक के दावा को जांच कर भुगतान करने का आदेश दिया था लेकिन अदालती आदेश का पालन नहीं किये जाने पर अवमानना अर्जी दायर की गई. कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा अदालती आदेश का अवहेलना नहीं किये जाने के बारे में कुछ भी बताने में असमर्थता जाहिर किये जाने के कारण अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी करने को बाध्य किया गया.कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 जुलाई तय की.