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हाइकोर्ट ने सरकार से किया सवाल, कब तक होगा बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार के खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह द्वारा गया के विष्णुपद मंदिर का विकास करने के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह जानकारी मांगी है.

पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से पूछा है कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन कब तक हो जायेगा. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार के खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह द्वारा गया के विष्णुपद मंदिर का विकास करने के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह जानकारी मांगी है.

सुनवाई के दौरान बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि गया की जिला अदालत में लंबित अपील का फैसला बोर्ड के पक्ष में आया है. विष्णुपद मंदिर का प्रबंधन न्यास बोर्ड के अधीन होने को अदालत ने वैध करार दिया है.

न्यास बोर्ड धार्मिक न्यास कानून के तहत पूरे मंदिर के विकास के लिए स्कीम तैयार कर सकता है, लेकिन कानूनी अड़चन यह है कि राज्य सरकार द्वारा अब तक नये बोर्ड का गठन नहीं किया जा सका है.

हाइकोर्ट ने मुख्य सचिव को न्यास बोर्ड के गठन के संबंध में दो दिनों के अंदर जवाब दायर करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार को जवाब में यह बताना होगा की बोर्ड का गठन कितने दिनों में हो जायेगा.

वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को कहा कि इस याचिका का उद्देश्य विष्णुपद मंदिर को एक सुव्यवस्थित व व्यापक पैमाने पर प्रबंधन कराना है, न कि वहां के स्थानीय पंडों से बैर करना.

वहां का प्रबंधन व संचालन इतना विश्वस्तरीय हो कि यह मंदिर और बगल में बोधगया, पूरे विश्व का पर्यटक केंद्र बने. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वहां के स्थानीय पंडों के हितों की अनदेखी न हो, ताकि मंदिर व उसके न्यास को विश्वस्तरीय बनाने में स्थानीय पंडों की भी पूरी मदद मिले.

हाइकोर्ट ने इस दलील को स्वीकारते हुए आश्वासन दिया कि मंदिर न्यास के विकास में वहां के स्थानीय पंडों के हितों की अनदेखी नहीं की जायेगी. मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को फिर होगी.

Posted by Ashish Jha

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