Caste Census: पटना हाईकोर्ट में किन्नरों की जाति पर छिड़ी बहस, जज के सवाल पर बिहार सरकार का जवाब जानिए..
Jati janganana bihar 2023: बिहार में हो रही जातिगत गणना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है. वहीं कोर्ट के अंदर किन्नरों को जाति मान लेने पर भी सवाल किए गए. हाईकोर्ट के अंदर जज और वकील के बीच सवाल-जवाब हुए. जानिए क्या था मामला..
Jati janganana bihar 2023: बिहार सरकार के द्वारा करायी जा रही जाति गणना (caste based census in bihar) पर पटना हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. जिसके बाद अब सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सभी जिलों में डीएम को निर्देश दे दिया गया है कि तत्काल प्रभाव से जाति जनगणना के सेकेंड फेज का काम रोक दिया जाए. हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान ट्रांसजेंडरों की जाति (transgender caste india) को लेकर भी बहस चली. जानिए जज और वकील क्या बोले…
कोर्ट में बहस के दौरान क्या हुआ..
कोर्ट के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि बहस के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जाति आधारित गणना में ट्रांसजेंडरों को एक जाति के रूप में दर्शाया गया है, जबकि ऐसी कोई जाति श्रेणी वास्तव में मौजूद नहीं है. सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने स्पष्ट किया है कि ट्रांसजेंडरों को जाति के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जायेगा, पर अधिसूचना में इसे जाति की सूची में रखा गया है.
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ट्रांसजेंडरों के कोड पर बवाल
बता दें कि जाति जनगणना के दूसरे चरण में जातियों के लिए कोड तय किए गए. इस दौरान थर्ड जेंडर यानी ट्रांसजेंडरों के लिए 22 नंबर कोड आवंटित कर दिया गया था. जिसे लेकर विवाद छिड़ गया. मामला अदालत तक पहुंच गया था और याचिका में नाराजगी जताई गयी थी कि ट्रांसजेंडरों को एक जाति बना देना गलत है. याचिका में कहा गया कि उन्हें लैंगिक पहचान दी गयी है जातिगत पहचान देना गलत है. ये केवल बिहार में ही हुआ है जो निंदनीय है. हालाकि जब विवाद शुरू हुआ तो सरकार की ओर से बदलाव किया गया और ट्रांसजेंडरों को जाति बताने का अधिकार दिया गया था.
बिहार में सियासी घमासान
बता दें कि जाति गणना पर रोक के बाद अब बिहार में सियासी घमासान शुरू हो गया है. कोर्ट का फैसला आने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ये सबके फायदे में होगा. वहीं सर्वसम्मति से ये शुरू किए जाने की बात कही थी.