Bihar news: खगड़िया के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण कराने के लिए पहुंची महिलाओं को बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिये ही ऑपरेशन कर देने के मामले में हाइकाेर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. मामले को लेकर समाचार पत्रों में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से एक सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया है.
चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले से संबंधित अखबारों में छपी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है. छपी खबर के मुताबिक महिलाएं ऑपरेशन के समय दर्द से कराहती रहीं लेकिन उसके बाबजूद भी डॉक्टर्स ने बिना बेहोश किए ही ऑपरेशन कर दिया.
कोर्ट ने कहा कि इस तरह की लापरवाही से पूरा सिस्टम कटघरे में खड़ा हो गया है. कोर्ट ने कहा कि यह कृत्य मानवता को ताक पर रखकर महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट यह जानना चाहता है इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गयी है. इस मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद की जायेगी.