पटना जंक्शन अब दिखेगा और भी खूबसूरत, अगस्त तक तैयार हो जाएगी नई पार्किंग, जानिए क्या होगा खास
पटना जंक्शन पर एक बड़ी समस्या पार्किंग की है. जानकारी के हिसाब से यहां रोजाना 4 लाख यात्रियों की आवाजाही होती है और इसके अनुपात से पार्किंग के लिए जगह की भी जरूरत है. ऐसे में पटना जंक्शन पर मौजूद पार्सल ऑफिस से थोड़ी दूर पर ही नयी पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है. यहां पहले रेलवे कॉलोनी थी
पटना जंक्शन के मुख्य प्रवेश द्वार वाला हिस्सा अब और सुंदर और आकर्षक दिखेगा. पटना जंक्शन की दोनों तरफ लगने वाली टू व्हीलर, फोर व्हीलर गाड़ियों के लिए निर्धारित पार्किंग का ठिकाना भी कुछ महीनों में बदल जाएगा. दरअसल, पटना जंक्शन पर मौजूद पार्सल ऑफिस से थोड़ी दूर पर ही नयी पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है. यहां पहले रेलवे कॉलोनी थी, जो काफी जीर्ण-शीर्ण हो चुकी थी. कुछ दिन पहले इसे तोड़ दिया गया और अब इस पूरे इलाके की जमीन को समतल किया जा रहा है.
300 गाड़ियों और 1 हजार टू व्हीलर के लिए पार्किंग में होगी जगह
पटना जंक्शन पर एक बड़ी समस्या पार्किंग की है. जानकारी के हिसाब से यहां रोजाना 4 लाख यात्रियों की आवाजाही होती है और इसके अनुपात से पार्किंग के लिए जगह की भी जरूरत है. फिलहाल पटना जंक्शन के गेट नंबर 1 के सामने और महावीर मंदिर के पिछले हिस्से में जहां टू व्हीलर गाड़ियां पार्क की जाती है, वहीं पटना जंक्शन के एंट्रेंस गेट से थोड़ी अंदर वाली जगह में फोर व्हीलर गाड़ियों को पार्क किया जाता है. लिहाजा पटना जंक्शन जाते समय हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है. अब इस समस्या से निबटने के लिए ही बड़ी पार्किंग का निर्माण हो रहा है. पूरी पार्किंग का इलाका 5 हजार स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है.
अगस्त में नयी पार्किंग के शुरू होने की उम्मीद
फिलहाल जिस रफ्तार से पार्किंग निर्माण का काम चल रहा है, उसके हिसाब से अगस्त महीने में पार्किंग की शुरुआत होने की उम्मीद है. फिलहाल पार्किंग वाली जगह को समतल किया जा रहा है. फ्लोरिंग के लिए पुरानी ईंटों को तोड़ा जा रहा है. जेसीबी की भी मदद ली जा रही है. पूर्व मध्य रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, फ्लोरिंग के काम में थोड़ी सुस्ती है, लेकिन मजदूरों की मदद से दूसरे कामों को पूरा किया जा रहा है.
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आने-जाने के लिए अलग-अलग दरवाजे
जानकारी के मुताबिक, पार्किंग के अंदर आने के लिए और बाहर जाने के लिए अलग-अलग दरवाजे होंगे. पार्किंग कुछ इस तरह से बनायी जायेगी कि जीपीओ गोलंबर से पटना जंक्शन तक पहुंचने वाले लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो. अगर रेलवे की तरफ से अतिरिक्त फंड जारी होता है, तो इस पार्किंग को मल्टीलेवल पार्किंग के तौर पर विकसित किया जा सकता है. हालांकि पटना जंक्शन से थोड़ी ही दूरी पर बुडको ने मल्टी लेवल पार्किंग बनवायी है, लेकिन इसका इस्तेमाल कभी कायदे से नहीं हो सका है. राजधानी में बढ़ती गाड़ियों की संख्या को देखते हुए पटना जंक्शन पर पार्किंग की समस्या गंभीर होती जा रही है.