पटना जंक्शन की पड़ताल : वेटिंग हॉल में जगह नहीं, सर्द रातों में प्लेटफॉर्म पर ठिठुरते हैं यात्री, देखें तस्वीर

पटना जंक्शन पर इस कड़ाके की ठंड में ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बिहार के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक पटना जंक्शन पर सामान्य यात्रियों के लिए रैन बसेरे के लिए कोई इंतजाम अभी तक नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2023 3:04 AM

आनंद तिवारी, पटना

पटना जंक्शन पर इस कड़ाके की ठंड में ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बिहार के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक पटना जंक्शन पर सामान्य यात्रियों के लिए रैन बसेरे के लिए कोई इंतजाम अभी तक नहीं है. रेल प्रशासन, नगर-निगम और जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गयी है, जबकि ठंड का प्रकोप जारी है. इससे यहां आने वाले यात्रियों को असुविधा हो रही है. दूसरी ओर ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं. इससे उनकी परेशानी और अधिक बढ़ गयी है. प्रभात खबर ने यात्रियों की परेशानी जानने के लिए पटना जंक्शन की पड़ताल की, पेश है रिपोर्ट…

वेटिंग हॉल फुल, सर्द रात काटने को मजबूर

कोहरे व ठंड के कहर के चलते पटना जंक्शन पर बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. किसी के पास एसी का टिकट था, तो किसी के पास स्लीपर का टिकट. यात्रियों की भीड़ इतनी अधिक थी कि वेटिंग हॉल में पैर रखने की जगह तक नहीं मिल रही थी. कई आरक्षण टिकट वाले यात्रियों को जब जगह नहीं मिली, तो वह प्लेटफॉर्म पर ही अपनी रात गुजारते नजर आये.

पटना जंक्शन की पड़ताल : वेटिंग हॉल में जगह नहीं, सर्द रातों में प्लेटफॉर्म पर ठिठुरते हैं यात्री, देखें तस्वीर 3

रैन बसेरे का इंतजाम नहीं

बहुत से यात्री महिला, पुरुष और बच्चे टिकट घर के सामने फुटपाथ पर रात भर पड़े हुए थे. उनके लिए अलाव तक का व्यवस्था नहीं की गयी थी. स्टेशन के आसपास कोई रैनबसेरा भी नजर नहीं आ रहा था, जहां यात्री जाकर रात गुजार सकें. यात्री पिंटू कुमार ने कहा कि नयी दिल्ली हावड़ा एक्सप्रेस पकड़ने मैं स्टेशन आया. ट्रेन 15 घंटे देरी से चल रही थी. ट्रेन लेट होने की वजह से घंटों प्लेटफॉर्म पर बैठकर इंतजार करना पड़ा. इस दौरान रेलवे की ओर से ठंड से बचाव का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. वहीं, यात्री सुर्य प्रकाश ने बताया कि ठंड से बचाव के लिए रेलवे को रैनबसेरा या अलाव का इंतजाम करना चाहिए. ठंड में खुद के इंतजाम के भरोसे यात्री रात गुजारने को मजबूर हैं.

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