बिहार व बंगाल के बीच बेहतर कनेक्टिविटी देगा पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे, इन खास शहरों को होगा लाभ

नितिन नवीन ने बताया कि पटना से कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार की पहली सड़क होगी, जो एज रिस्ट्रिक्टेड होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2022 4:20 PM

पटना. बिहार व बंगाल के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे की योजना अब धरातल पर उतरने जा रही है. इस एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार, झारखंड और बंगाल के कई शहरों को लाभ होगा.

नीतीश कुमार की सरकार ने इसकी घोषणा कर दी है. यह एक्सप्रेसवे पटना से कोलकाता के बीच बनेगा. इसकी लंबाई 550 किलोमीटर होगी. इससे न केवल बिहार की राजधानी पटना और पश्चिम बंगाल की राजधानी

कोलकाता का सफर सुगम होगा, बल्कि यह शेष भारत के लिए बंगाल जाने का एक द्वार बनेगा. बिहार से बंगाल जाने के लिए कुल 550 किलोमीटर का सफर बेहद ही आसान हो जाएगा. यह सड़क देश का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होगा जो उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसा होगा.

इस सड़क की मांग बिहार में कई नेताओं ने की थी. पिछले दिनों की चिराग पासवन से लेकर कई विरोधी दलों के नेताओं ने यह कहा कि बिहार सरकार हमेशा केंद्र सरकार की मदद के लिए बैठी रहेगी कि खुद भी अपना सामर्थ्य दिखाएगी. इसके बाद बीच बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने पटना और कोलकाता के बीच एक्सप्रेसवे का एलान कर दिया.

नितिन नवीन ने घोषणा करते हुए कहा कि पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे भी यूपी के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसी सड़क होगी. सरकार बहुत जल्द इस सड़क के लिए काम शुरू करनेवाली है. इस सड़क के बनने से पूर्वोत्तर भारत का शेष भारत से कनेक्टिविटी मजबूत होगी.

18000 करोड़ से अधिक की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में बिहार के 5 जिले शामिल हैं. पटना (बख्तियारपुर), नालंदा (बिहारशरीफ), शेखपुरा, जमुई के सिकंदरा व चकाई, बांका के कटोरिया होते हुए मधुपुर, दुर्गापुर और पानागढ़ होते हुए यह रोड ढालकुनी से आगे बढ़ेगी.

एक्सप्रेसवे बिहारशरीफ, सिकंदरा, चकाई से सीधे झारखंड में देवघर जिले के देवीपुर क्षेत्र में प्रवेश करेगी. देवीपुर में यह एक्सप्रेस-वे एम्स को जोड़ने वाली प्रस्तावित फोरलेन सड़क को कनेक्ट करते हुए मधुपुर की ओर निकल जाएगी. इससे देवघर की बिहार व बंगाल से कनेक्टिविटी बढ़ेगी.

नितिन नवीन ने बताया कि पटना से कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार की पहली सड़क होगी, जो एज रिस्ट्रिक्टेड होगी. यह एक्सप्रेसवे पटना बख्तियारपुर होते हुए रजौली से निकलेगा. नालंदा बिहार शरीफ से इसका एलाइनमेंट अलग हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे जिस रास्ते से आगे जायेगा उस पर अभी कोई सड़क नहीं है.

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 450 किमी से अधिक पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच प्रस्तावित 6 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड राजमार्ग होगा. भारतमाला परियोजना (बीएमपी) चरण 2 के तहत यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पुराने भीड़भाड़ वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एनउच-2 के विकल्प के रूप में काम करेगा, जिस पर सिर्फ भारी वाहनों का परिचालन होगा.

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