महावीर मंदिर ट्रस्ट के पास वेतन देने को पैसे नहीं, एफडी गिरवी रख लेना पड़ा लोन

कोरोना संक्रमण के चलते धार्मिक स्थलों को बंद रखने के आदेश का बड़ा असर उत्तर भारत के बड़े मंदिरों में से एक महावीर मंदिर की आय पर भी पड़ा है. महावीर मंदिर के प्रसाद नैवेद्यम की बिक्री सहित श्रद्धालुओं द्वारा दान पुण्य, कर्मकांड, हवन, कथा पूजन व अन्य गतिविधियाें से मंदिर को हर दिन करीब पांच लाख रुपये की आय होती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2021 7:18 AM

अश्वनी कुमार राय, पटना. कोरोना संक्रमण के चलते धार्मिक स्थलों को बंद रखने के आदेश का बड़ा असर उत्तर भारत के बड़े मंदिरों में से एक महावीर मंदिर की आय पर भी पड़ा है. महावीर मंदिर के प्रसाद नैवेद्यम की बिक्री सहित श्रद्धालुओं द्वारा दान पुण्य, कर्मकांड, हवन, कथा पूजन व अन्य गतिविधियाें से मंदिर को हर दिन करीब पांच लाख रुपये की आय होती है. लेकिन, बीते डेढ़ साल में कई महीनों तक मंदिर बंद रहने से इसकी जमा पूंजी खत्म हो गयी है.

ऐसे में मंदिर से ही चलने वाले पांच बड़े अस्पतालों के कर्मियों को वेतन देने के लिए मंदिर प्रशासन को बैंक से लोन लेना पड़ा है. मंदिर प्रशासन ने मंदिर के फिक्सड डिपोजिट को बैंक में गिरवी रख यह लोन उठाया है, जिस पर नियमित ब्याज चुकाया जा रहा है.

हर माह पांच करोड़ रुपये देने होते हैं वेतन

महावीर मंदिर की ओर से शहर में पांच अस्पताल चलाये जाते हैं. इनमें महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर नेत्रालय व महावीर हार्ट हॉस्पिटल शामिल है. इन अस्पतालों के कर्मियों को हर महीने करीब पांच करोड़ रुपये वेतन के रूप में देने पड़ते हैं. साथ ही महावीर मंदिर में भी सभी कर्मचारियों व पुजारियों को वेतन दिया जाता है.

ऐसे में स्थिति थोड़ी दयनीय है. मंदिर की आय का स्रोत पिछले साल से ही बंद है. ऐसे में पहले जमाराशि से वेतन भुगतान किया जा रहा था. बीच में मंदिर खुला, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही किसी तरह की पूजा, कर्मकांड कराया जाता था.

नहीं हो रही नवैद्यम का ऑनलाइन बिक्री

लॉकडाउन में मंदिर बंद होने के कारण महावीर मंदिर की ओर से ऑनलाइन नवैद्यम देने की सुविधा जारी है. लेकिन, ऑनलाइन बिक्री न के बराबर है. लॉकडाउन के कारण मंदिर में पिछले साल से नैवेद्यम की बिक्री 60% कम हुई है.

सामान्य हालात में अब तक 75 हजार किलो नवैद्यम की बिक्री हो गयी होती. नैवेद्यम कम बिकने से आय में करीब पांच करोड़ रुपये की कमी आयी है. ऐसे में मंदिर में आर्थिक स्थिति दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है.

महावीर कैंसर संस्थान जुटा रहा सैलरी

लॉकडाउन के दौरान पांच अस्पतालों में सिर्फ महावीर कैंसर संस्थान ही अब तक अस्पताल का खर्च निकाल पा रहा है, क्योंकि कोरोना के दौरान भी महावीर कैंसर संस्थान पर कोई असर नहीं पड़ा है. साथ ही अस्पताल में जो डॉक्टर व अन्य कर्मचारियों को सैलरी दी जाती है, वह सब जुटा रहा है.

बाकी अन्य चारों अस्पतालों में स्थिति पिछले साल से सही नहीं है. इस वजह से पहले के पैसे खर्च किये जा रहे हैं और किसी तरह सभी कर्मचारी व अधिकारी व डॉक्टर्स को सैलरी जरूर दी जा रही है, ताकि उनका घर परिवार भी चले.

महावीर मंदिर न्यास परिषद के सचिव कुणाल किशोर ने बताया कि महावीर मंदिर को प्रतिदिन पांच लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. पिछले साल से किसी तरह से काम कर रहे हैं. मार्च के बाद से ही स्थिति और भी खराब हो गयी. हमने एफडी को तोड़ने के बजाय इस पर लोन लिया. इसका ब्याज चुकाया जा रहा है. मंदिर पूर्ण रूप से खुल जाये, तो आगे लोन चुका दिया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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