बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर से पकड़ुआ विवाह का मामला सामने आया है. मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है. दरअसल, यह पूरा मामला पटना के बेगमपुर का है. इस घटना के बाद लड़के के पिता द्वारा पटना के बाईपास थाने में इसकी लिखित शिकायत की गई है. जिसमें उन्होंने पकड़ुआ विवाह के लिए लड़की के परिवार सहित एनजीओ के कुछ महिलाओं को भी आरोपी बनाया है. इसके बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.
बाहरी बेगमपुर मुहल्ला निवासी रविनेश कुमार ने थाना में आवेदन दिया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि बेटा गणेश का जबरन विवाह करा दिया गया है. पिता की ओर से दिए गए आवेदन में पुलिस को बताया गया है कि मंगलवार की रात को मालसलामी थाना क्षेत्र में रहने वाली युवती के परिजन घर पर पहुंचे. इसके बाद हंगामा करते हुए बेटा के साथ मारपीट पर उतर आये. इस दौरान बेटा से जबरन बेटी के मांग में सिंदूर डलवा कर फोटो खींचने का कार्य किया. हंगामा के बाद बुधवार को बेटे की जबरन शादी करने की शिकायत लेकर बाइपास थाना पहुंचे. जहां पर लिखित आवेदन दिया.
पिता ने पुलिस को यह भी बताया है कि बीते एक दिसंबर को विवाद हुआ था. इसमें युवती के परिजनों ने घर में काफी देर तक बंधक बना कर रखा था. इस दौरान बाइपास थाना पुलिस की मदद से घर से बाहर निकले थे. इसी बीच लड़की व परिजनों ने महिला थाना में इसकी शिकायत दर्ज करायी थी.
पुलिस की मानें तो बुधवार को महिला थाना में पक्ष रखने को बुलाया गया था. इसी बीच विवाद में जबरन विवाह का मामला उभर कर सामने आ गया है. थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार रंजन ने बताया कि पिता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. दोनों पक्षों की बातों को भी सुना गया है. युवती व उसके परिजनों ने पुलिस को बताया है कि गणेश के साथ बीते पांच वर्षो से रिलेशन है. फिलहाल पुलिस घटना से जुड़े हर बिंदु पर छानबीन कर रही है.
बिहार में इस तरह की शादी का पुराना इतिहास रहा है. लड़की पक्ष के लोग लड़के को अगवा कर जबरन अपनी लड़की से शादी करा देते हैं. इस प्रकार के विवाह को बिहार में पकड़ौआ विवाह कहा जाता है. पटना हाईकोर्ट ने करीब 10 साल एक पुराने मामले की सुवायी करते हुए इसे रद्द कर दिया था. दरअसल में पकड़वा या पकड़ौआ विवाह ऐसा शादी होती है जिसमें शादी के योग्य लड़के का अपहरण कर उसकी जबरन शादी करवाई जाती है.
इस तरह की शादी पर फ़िल्में और टीवी सीरियल तक बन चुके हैं. वर्ष 1980 और उससे पहले के दशक में इस प्रकार की शादी का जबरन प्रचलन था. उत्तर बिहार में ऐसी शादी ज़्यादा देखने को मिलती थी. माना जाता है कि इसके लिए गांव में गिरोह तक होते थे जो लड़कों का अपहरण करते थे. बिहार पुलिस के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में हर साल जबरन शादी के क़रीब तीन से चार हज़ार मामले दर्ज़ होते हैं. इसमें प्रेम प्रसंग में घर से भागने वाले जोड़ों का आंकड़ा शामिल नहीं है.
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