Patna Metro में यात्रियों को आकाशवाणी के पास होगा अलग अनुभव, जानें यहां कैसे हो रहा निर्माण
पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट में प्रस्तावित आकाशवाणी स्टेशन पर भूमिगत खुदाई से पहले '' डी-वॉल '' का निर्माण शुरू कर दिया गया है. लोहे की सरिया और मजबूत कंक्रीट से तैयार हो रही यह ''डी-वॉल'' दीवार करीब 25 से 30 मीटर गहरी और लगभग 1.5 मीटर चौड़ी है, जिसे जमीन के भीतर डाला गया है.
पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट में प्रस्तावित आकाशवाणी स्टेशन पर भूमिगत खुदाई से पहले ‘डी-वॉल’ का निर्माण शुरू कर दिया गया है. लोहे की सरिया और मजबूत कंक्रीट से तैयार हो रही यह ‘डी-वॉल’ दीवार करीब 25 से 30 मीटर गहरी और लगभग 1.5 मीटर चौड़ी है, जिसे जमीन के भीतर डाला गया है. यह वॉल टनलिंग के दौरान भूमिगत खुदाई, स्लैब निर्माण या ट्रैक वर्क होने पर आस पास की जमीन की सतह को ढहने से बचायेगा. कुछ महीने पहले ही प्रस्तावित मोइनुल हक स्टेडियम स्टेशन के पास भी ऐसे ही डी-वॉल का निर्माण जमीन के अंदर किया गया था.
तीन प्रवेश व निकास द्वार होंगे
पटना मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि आकाशवाणी मेट्रो स्टेशन भारतीय नृत्य कला मंदिर और प्रसार भारती के पास प्रस्तावित है. यहां पर तीन प्रवेश और निकास द्वार बनेंगे. चूंकि स्टेशन का बड़ा हिस्सा फ्रेजर पर बनाया जाना है, इसलिए ट्रैफिक डायवर्जन के बाद इस पर काम शुरू किया गया है. यातायात पुलिस और जिला प्रशासन ने दिसंबर 2022 में फ्रेजर रोड पर ट्रैफिक डायवर्जन को लेकर मंजूरी दी थी. मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक आम जनता को होने वाली असुविधा से बचाने के लिए निर्माण स्थल पर विभिन्न सूचनात्मक संकेत, स्ट्रीट लाइट, समर्पित पैदल मार्ग और डिवाइडर बनाये गये हैं.
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ट्रांसफॉर्मर, तार व सीवर लाइन हटाना होगी चुनौती
मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि साइट तैयार करने के लिए अंडरग्राउंड या ओवरहेड बिजली तारों के साथ ही बिजली ट्रांसफॉर्मर, भूमिगत सीवर और जलापूर्ति लाइनों को हटाया जाना है. संबंधित अथॉरिटी से मंजूरी लेकर इस पर जल्द काम शुरू होगा. उन्होंने कहा कि भीड़ -भाड़ भरा इलाका होने की वजह से यहां पर मेट्रो स्टेशन का निर्माण पीएमआरसीएल के लिए बड़ी चुनौती है.