पटना मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल से निकलने वाली मिट्टी नहीं होगी बर्बाद,गंगा किनारे होगा विकास, जानें पूरा प्लान
मरीन ड्राइव के नाम से अभी मशहूर गंगा पथ को रिवर फ्रंट के रूप में सरकार विकसित करेगी. यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वाटर स्पोर्ट्स विकसित करने पर विचार चल रहा है, ताकि बिहार के लोगों को वाटर स्पोर्टस का लुफ्त लेने के लिए गोवा और अंडमान नहीं जाना पड़े.
कैलाशपति मिश्र, पटना
मरीन ड्राइव के नाम से अभी मशहूर गंगा पथ को रिवर फ्रंट के रूप में सरकार विकसित करेगी. यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वाटर स्पोर्ट्स विकसित करने पर विचार चल रहा है, ताकि बिहार के लोगों को वाटर स्पोर्टस का लुफ्त लेने के लिए गोवा और अंडमान नहीं जाना पड़े. वहीं, स्टेडियम, रेस्टोरेंट,कैफेटेरिया, मॉल और मल्टी स्टोरी पार्किंग भी बनेगी. राज्य सरकार ने पटना मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल से निकलने वाली मिट्टी का सदुपयोग का रास्ता भी खोज लिया है. इस मिट्टी से गंगा पथ के इर्द-गिर्द के क्षेत्रों को विकसित किया जायेगा. यहां स्टेडियम, रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया, मॉल और पार्किंग स्थल बनाये जाने की योजना है. यह योजना पथ निर्माण, नगर विकास व आवास और पर्यटन विभाग की हो सकती है. इसमें दो बड़े स्टेडियम बनाये जा सकते हैं, जिनमें से एक क्रिकेट और एक फुटबॉल का हो सकता है.
गंगा पथ बन गया है पर्यटन स्थल
फिलहाल गंगा पथ नया पर्यटक स्थल बन गया है. शनिवार और रविवार को यहां मेले-सा नजारा रहता है. लोगों कीबढ़ती भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां पर्यटकीय सुविधाओं का भी विकास किये जाने की योजना है. शुरु में पार्किंग प्लेस और कई जगहों पर सेल्फी प्वाइंट बनाये जायेंगे. पर्यटन विभाग गंगा पथ को विकसित करने की योजना बनायेगा. वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी बताया कि सरकार गंगा पथ को विकसित करने के बारे में सोच रही है. इसमें तीन-चार विभागों की सहभागिता होगी. अभी यह विचार बहुत ही प्रारंभिक चरण में है.
पहले चरण का काम हो चुका है लगभग पूरा
दीघा से दीदारगंज तक गंगा पथ की कुल लंबाई 20.5 किमी है. इसका पहला चरण दीघा से पीएमसीएच तक पूरा हो चुका है. यह भाग 7.4 किमी लंबा है, जिसमें से 6.5 किमी सड़क का निर्माण बांध बना कर किया गया है. 2011 में गंगा पथ बनाने का प्रस्ताव सरकार ने पास किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में इसका शिलान्यास किया था.