पटना मेट्रो: प्रायोरिटी कॉरिडोर के पांच एलिवेटेड स्टेशनों के लिए टेंडर जारी, जानें कब तक होगा तैयार?
पटना मेट्रो के कोरिडोर दो (पटना स्टेशन से न्यू आइएसबीटी) के प्रायोरिटी काॅरिडोर में पांच स्टेशन हैं. इनमें मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और न्यू आइएसबीटी मेट्रो स्टेशन शामिल हैं. यह सभी स्टेशन एलिवेटेड हैं.
पटना मेट्रो के प्रायोरिटी काॅरिडोर के पांच एलिवेटेड स्टेशन दो साल में बनकर तैयार हो जायेंगे. कंकड़बाग के मलाही पकड़ी से लेकर न्यू आइएसबीटी तक के पांच स्टेशनों के डिजाइन से लेकर भवन निर्माण, जलापूर्ति, ड्रेनेज समेत अन्य सुविधाओं के लिए एजेंसी की खोज शुरू हो गयी है. दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया है. जानकारी के अनुसार, निविदा के लिए प्री-बिड बैठक पांच सितंबर को आयोजित की जा चुकी है. सोमवार से निविदा जमा करने का काम शुरू होगा, जो 25 सितंबर तक चलेगा. इसी माह 26 सितंबर को निविदा खोली जायेगी. निविदा की स्वीकृति और वर्क आर्डर के बाद दो साल में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रायोरिटी काॅरिडोर में पांच स्टेशन
पटना मेट्रो के कोरिडोर दो (पटना स्टेशन से न्यू आइएसबीटी) के प्रायोरिटी काॅरिडोर में पांच स्टेशन हैं. इनमें मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और न्यू आइएसबीटी मेट्रो स्टेशन शामिल हैं. यह सभी स्टेशन एलिवेटेड हैं. इनके स्टेशनों के निर्माण एवं विकास पर करीब 75 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
चयनित एजेंसी को करना होगा ये काम
निविदा हासिल करने वाले एजेंसी डीएमआरसी द्वारा तैयार किये गये मेट्रो स्टेशनों पर डिजाइन, आर्किटेक्चर से लेकर प्री-इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर का निर्माण करेगी. इसके साथ ही चयनित एजेंसी को स्टेशन के बाहरी आवरण, जलापूर्ति, शौचालय, ड्रेनेज सहित अन्य सुविधाएं भी विकसित करनी होगा.
न्यू आइएसबीटी डिपो में ट्रैक की खरीद को लेकर भी निविदा
इसके अलावा डीएमआरसी ने पटना मेट्रो के न्यू आइएसबीटी डिपो में बिछाए जाने वाले मेट्रो ट्रैक की खरीद को लेकर भी निविदा जारी की है. 1200 मीट्रिक टन लोहे के ट्रैक के लिए करीब नौ करोड़ रुपये की लागत दी गयी है. निविदा की स्वीकृति के बाद एक साल में ट्रैक बिछाने का काम पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. यहां मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत विशेष प्रकार की पटरियां बिछायी जानी है.
प्रायोरिटी कॉरिडोर के खेमनीचक में बनेगा इंटेरचेंज स्टेशन
पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर एक इंटेरचेंज स्टेशन प्रस्तावित है जो कि खेमनीचक में जमीन के ऊपर यानि एलिवेटेड होगा. इंटरचेंज स्टेशनों पर यात्री बाहर निकले बगैर एक लाइन से दूसरी लाइन के लिए आसानी से मेट्रो बदल सकेंगे. इनको बस और रेलवे टर्मिनलों से भी जोड़ा गया है. इंटरचेंज स्टेशनों पर पैदल यात्रियों के लिए पेडेस्ट्रियन सब वे, फुट ओवर ब्रिज के अलावा समुचित यातायात की सुविधा मिलेगी. पिक-ड्रॉप की व्यवस्था के साथ पार्किंग भी चिह्नित होगी.
दो नयी मशीन खाेदेगी पटना स्टेशन तक सुरंग
पटना मेट्रो के एलिवेटेड काॅरिडोर के साथ ही भूमिगत रूट पर भी काम तेजी से पूरा करने की तैयारी है. इसके लिए दो नयी टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) लगायी जायेगी, जो गांधी मैदान से आकाशवाणी होते हुए पटना स्टेशन तक मेट्रो सुरंग की खोदाई करेगी. इसके पहले गांधी मैदान और पटना स्टेशन के पास स्टेशन बाक्स का निर्माण हो रहा है. इसी स्टेशन बाक्स में सुरंग खुदाई के लिए टीबीएम को उतारा जायेगा. नवंबर माह से यह काम शुरू होने की संभावना है. वर्तमान में कोरिडोर-दो में मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय के बीच मेट्रो सुरंग की खोदाई की जा रही है. इसके लिए दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) लगायी गयी है.
दोनों कॉरिडोर मिला कर अप-डाउन में करीब 37 किमी की खुदाई
मालूम हो कि दोनों कॉरिडोर मिला कर अप-डाउन में करीब 37 किमी की खुदाई की जानी है, जिसके लिए दस टीबीएम की आवश्यकता पड़ेगी. मेट्रो के कॉरिडोर एक में करीब 10.50 किमी जबकि कॉरिडोर दो में आठ किमी का भूमिगत टनल बनना है.
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कॉरिडोर वन पर यू-गर्डर लांच किये जाने की प्रक्रिया शुरू
वहीं इससे पहले पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के कॉरिडोर वन यानि दानापुर से बेली रोड होते हुए पटना जंक्शन के एलिवेटेड रूट पर यू-गर्डर लांच किये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस खंड के सबसे पहले 170 टन प्री-कास्ट व 28 मीटर लंबे वायाडक्ट यू गर्डर की लांचिंग शुक्रवार को नेशनल इंजीनियर डे पर की गयी. आरपीएस मोड़ स्टेशन और पाटलिपुत्र मेट्रो स्टेशन के बीच स्थित वायाडक्ट में पिलर नंबर 133-134 पर इस उपलब्धि को हासिल किया गया. यू गर्डर को कास्टिंग यार्ड में प्री-कास्ट किया जाता है. इसके बाद क्रेन की मदद से इसे दो पियर कैप्स के बीच लांच किया जाता है. इस पर मेट्रो ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया होगी.