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Video: आकार लेने लगा पटना मेट्रो का अंडरग्राउंड रास्ता, देखें वीडियो

गुरुवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने पहली बार मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विवि तक अंडरग्राउंड सेक्शन की चल रही खोदाई कार्य से मीडिया को रूबरू कराया. सफाई व्यवस्था की जानकारी देते हुए निर्माण परिसरों को स्वच्छ रखने में आम लोगों का भी सहयोग मांगा

By Neha Singh | January 26, 2024 2:45 PM

आकार लेने लगा पटना मेट्रो का अंडरग्राउंड रास्ता #biharnews #prabhatkhabar

पटना मेट्रो का कॉरिडोर दो, फरवरी 2027 तक चालू हो सकता है. इस अवधि तक इस खंड के एलिवेटेड सेक्शन के साथ ही अंडरग्राउंड सेक्शन (राजेंद्र नगर से अशोक राजपथ होते हुए पटना जंक्शन तक) का सिविल ही नहीं, इलेक्ट्रिक व मैकेनिकल आदि कार्य पूरा करते हुए मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जायेगा. हालांकि कॉरिडोर एक (दानापुर से बेली रोड होते हुए खेमनीचक तक) पर अभी अंडरग्राउंड सेक्शन का काम शुरू नहीं होने से इसका लक्ष्य तक नहीं हो सका है. गुरुवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने पहली बार मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विवि तक अंडरग्राउंड सेक्शन की चल रही खोदाई कार्य से मीडिया को रूबरू कराया. इस दौरान डीएमआरसी के एडवाजर (विशेष कार्य) दलजीत सिंह एवं निदेशक कार्य अजय कुमार के साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे. निर्माण कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया कि स्टेडियम से विवि तक 1500 मीटर की चल रही अंडरग्राउंड खोदाई में उतारी गयी दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) में से एक टीबीएम ने 1100 मीटर जबकि दूसरे टीबीएम ने करीब 700 मीटर की खोदाई पूरी कर ली है. दो से तीन महीने में शेष कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

निर्माण परिसरों को स्वच्छ रखने में मांगा सहयोग मानदंडों व सफाई व्यवस्था की जानकारी देते हुए निर्माण परिसरों को स्वच्छ रखने में आम लोगों का भी सहयोग मांगा. निर्माण बैरिकेडिंगों पर पान की पीक, थूक व गंदगी फेंके जाने से उनको साफ करने में काफी पानी और मैनपावर खर्च होता है. उन्होंने कहा कि पटना की मिट्टी क्ले (चिकनी) होने की वजह से खोदाई में दूसरे शहरों के मुकाबले थोड़ा अधिक समय लग रहा है. निर्माण जटिलताओं की चर्चा करते हुए श्री सिंह ने बताया कि अंडरग्राउंड खोदाई शुरू करने से पहले 1500 से अधिक भवनों की स्थिति का सर्वे किया गया. साथ ही 100 से अधिक बोरिंग को स्थानांतरित किया गया. पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील होने की वजह से इसके स्ट्रक्चर को जोन-5 कंडीशन के हिसाब से डिजाइन किया गया है.

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