Patna Metro सुरंग के लिए China से मंगाई जा रही मशीन, गांधी मैदान के पास से शुरू होगा टनल का निर्माण कार्य
Patna metro: पटना मेट्रो ट्रैक के लिए जमीन के नीचे सुरंग बनाई जा रही है. सुरंग बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन की जरूरत है. टनल बोरिंग मशीन को पड़ोसी देश चीन से मंगाया जा रहा है.
Patna metro: पटना में अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन और ट्रैक के लिए रूट निर्धारित कर लिया गया है और इसके तहत राजेंद्र नगर, मोइनुलहक स्टेडियम, पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी में अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाने हैं. मेट्रो ट्रैक के लिए जमीन के नीचे सुरंग बनाई जा रही है. सुरंग बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन की जरूरत है. जो भारत में उपलब्ध नहीं है. ऐसे में टनल बोरिंग मशीन को पड़ोसी देश चीन से मंगवाया जा रहा है.
पटना विश्वविद्यालय के बाहर निकलेगी टनलमोइनुल हक स्टेडियम के पास से मेट्रो टनल बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा और पटना विश्वविद्यालय के पास टनल बाहर निकलेगी. दुसरे चरण में गांधी मैदान से पटना विश्वविद्यालय के लिए अंडरग्राउंड सुरंग बनेगा. मोइनुल हक स्टेडियम से सुरंग बनने का शिलान्यास हो चुका है. इस काम को दो साल 8 महीने में पूरा कर लिया जायेगा. जो मोइनुल हक स्टेडियम पर के घुसेगी और मलाही पकड़ी के पास बाहर निकल जाएगी.
पटना मेट्रो के लिए एक इंटरचेंज पटना जंक्शन के पास बनया जा रहा है और दूसरा इंटरचेंज खेमनीचक पर बनेगा. पटना जंक्शन वाला इंटरचेंज अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन है और खेमनीचक वाला इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन एलिवेटेड है. यानी इसे जमीन से ऊपर बनाई जा रही है. कॉरिडोर-1 और कॉरिडोर-2 दोनों मिला कर कुल 32 किमी लंबी मेट्रो बनेगी.
क्या है टनल बोरिंग मशीन?बता दें कि बीते दिनों बिहार के मुख्यमंत्री ने पटना मेट्रो के भूमिगत कार्य का शिलान्यास किया था. जिसके बाद अब तेजी से कार्य किया जा रहा है. धीरे-धीरे ही सही लेकिन पटना मेट्रो अब अपने आकार में आ रहा है. ट्रैक के लिए जमीन के नीचे सुरंग बनाया जाना है. सुंरग बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन की जरूरत है. यह एक ऐसी मशीन है, जो डरग्राउंड ट्रैक बिछाने के लिए बड़ी आसानी से कम समय में सुगमता पूर्वक सुरंग बना देती है. पटना मेट्रो के लिए टनल बोरिंग मशीन चीन से मंगाई गई है. यह मशीन दिसंबर तक पटना पहुंच जाएगी. जिसके बाद तेजी से कार्य किया जा सकेगा.
6 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगेपटना में 6 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन होंगे. इनमें राजेंद्र नगर, मोइनुलहक, यूनिवर्सिटी, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी शामिल हैं. इस कोरिडोर की कुल लंबाई 8.08 किलोमीटर है. बता दें कि पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट की लागत 1989 करोड़ रुपये है. इसके अलावा कोरिडोर-1 के तहत भी 6 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं.
पांच एलिवेटेड स्टेशन होंगेआकाशवाणी से गांधी मैदान, पीएमसीएच, मोइनुलहक स्टेडियम, राजेंद्र नगर टर्मिनल, मलाही पकड़ी होते हुए खेमनीचक होते हुए बैरिया बस अड्डा तक बनेगा. इसमें एक मेट्रो डिपो भी बनेगा. इसमें पांच एलिवेटेड और छह भूमिगत स्टेशन होंगे. इसकी लंबाई करीब 8.08 किलोमीटर होगी. इसमें भूमिगत स्टेशन आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, यूनिवर्सिटी, मोइनुलहक स्टेडियम और राजेंद्रनगर में भूमिगत स्टेशन हैं. बता दें कि बीते 29 दिसंबर 2021 को कोरिडोर-2 के डिजाइन और निर्माण की जिम्मेवारी एल एंड टी कंपनी को दी गई थी. इस कॉरिडोर का सिविल काम पूरा कर लिया गया है.