पटना मेट्रो : जमीन अधिग्रहण के साथ ही विदेशी लोन का रास्ता होगा साफ
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा मेट्रो डिपो के लिए 76 एकड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दिये जाने के साथ ही पटना मेट्रो को जमीन पर उतारने की बड़ी बाधा दूर हो गयी है.
पटना. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा मेट्रो डिपो के लिए 76 एकड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दिये जाने के साथ ही पटना मेट्रो को जमीन पर उतारने की बड़ी बाधा दूर हो गयी है. तय समय में अधिग्रहण पूरा होते ही पीएमआरसीएल (पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड) विदेशी एजेंसी जायका से लोन की मंजूरी की प्रक्रिया शुरू कर देगी.
लोन की मंजूरी मिलते ही पटना मेट्रो के लिए अंडरग्राउंड स्टेशनों का निर्माण और खुदाई का रास्ता भी साफ हो जायेगा. अधिकारियों के मुताबिक पटना मेट्रो की लागत करीब 17.5 हजार करोड़ का 60%हिस्सा विदेशी लोन से पूरा होगा.
इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक या जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन से लोन लिया जाना है. शेष 40% राशि केंद्र व राज्य सरकार मिल कर वहन करेगी. जानकारी के मुताबिक लोन के लिए पीएमआरसीएल के पास एसेट का होना अनिवार्य था. ऐसे में जमीन अधिग्रहण पूरा होने के बाद कंपनी एसेट दिखा कर आसानी से लोन ले सकेगी.
खुदाई का काम भी हो जायेगा शुरू
फिलहाल मेट्रो के लिए एलिवेटेड रूट पर ही काम हो रहा है. इसके लिए खास कर बाइपास व कंकड़बाग इलाके में खुदाई व पाइलिंग चल रही है. लेकिन, अंडरग्राउंड वर्क, खुदाई व स्टेशनों के निर्माण को लेकर एजेंसी का चयन अभी बाकी है.
ऐसे में वित्तीय बाधाएं दूर होने पर कंपनी इसके लिए एजेंसी का चयन कर काम आगे बढ़ा सकेगी. मालूम हो कि मेट्रो के दोनों रूट मिला कर 26 स्टेशनों का निर्माण होना है. इनमें 13 स्टेशन एलिवेटेड और 13 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे.
अधिग्रहण के लिए राशि सौंपी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जल्द ही निर्धारित प्रपत्रों में भू-अर्जन से संबंधित सूचना का प्रकाशन करेगा. इसके बाद निश्चित समयावधि में उस पर दावा-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. दावा-आपत्ति पूरा होते ही वास्तविक जमीन मालिकों को निर्धारित दर पर राशि का भुगतान करते हुए जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया जायेगा.
अधिग्रहण के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपये नगर विकास एवं आवास विभाग ने पटना जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिये हैं. जिला प्रशासन जमीन का अधिग्रहण कर पीएमआरसीएल को सौंप देगा.
Posted by Ashish Jha