पटना मेट्रो यार्ड का अलाइनमेंट अब नहीं बदला जा सकता है. इसके लिए संबंधित जमीन अधिग्रहण के मुआवजे का मामला अदालत में विचाराधीन है. अदालत के निर्णय के आधार पर सरकार मुआवजे का भुगतान करेगी. यह बातें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने शनिवार को रैयतों के प्रतिनिधियों सहित अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहीं. इसका आयोजन मंत्री के कार्यालय कक्ष में किया गया था. इस दौरान रैयतों के प्रतिनिधियों ने मार्केट रेट से मुआवजा नहीं मिलने पर अलाइनमेंट बदल कर मेट्रो यार्ड को कहीं और स्थानांतरित करने की मांग की. फिलहाल पटना उच्च न्यायालय में एक दर्जन से अधिक याचिका दायर हैं. साथ ही जमीन की प्रकृति निर्धारण यानी बाजार दर से मुआवजा देने के लिए भू-अर्जन प्राधिकार में कई मामले चल रहे हैं.
बैठक में मंत्री आलोक कुमार मेहता को जानकारी दी गयी कि पटना मेट्रो यार्ड निर्माण के लिए पहाड़ी मौजा में 50 एकड़ और रानीपुर गांव में 25 एकड़ सहित कुल 75 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. पहाड़ी मौजा में रैयतों को दो प्रकार की दर से मुआवजा दिया जा रहा है. आवासीय सहायक सड़क की दर 36 लाख रुपये प्रति कट्ठा और आवासीय मुख्य सड़क का मुआवजा 49.5 लाख रुपये प्रति कट्ठा है.
जिला भू अर्जन पदाधिकारी रंजन कुमार चौधरी ने बताया कि बड़ी संख्या में भुगतान के लिए आवेदन आये हैं. उनकी जांच कर मुआवजा दिया जा रहा है. अब तक 50 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान रैयतों को किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि शनिवार को ही पहाड़ी मौजे के 37 संरचना के लिए करीब 44 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति भी विभाग ने दे दी है. अब इन संरचना का भुगतान अगले सप्ताह से शुरू हो जायेगा और इसके बाद यहां बने 37 बिल्डिंगों को तोड़ने का काम भी शुरू होगा. मेट्रो फिलहाल पहाड़ी की खाली जमीन में मिट्टी भरकर पावर स्टेशन बनाने का काम कर रहा है. आने वाले समय में विकलांग अस्पताल के पास एडविन बिल्डिंग और कंट्रोल रूम बनाने का प्रस्ताव है.
यार्ड के अलावा पटना मेट्रो में 10 स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम विभिन्न स्तरों पर चल रहा है. बैठक में परियोजना से प्रभावित हो रहे रैयतों के प्रतिनिधि, पटना मेट्रो के प्रतिनिधि और भू अर्जन से संबंधित अधिकारी शामिल थे. बैठक में अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, भू अर्जन निदेशक सुशील कुमार, पटना मेट्रो के निदेशक सुशील कुमार, महाप्रबंधक, कार्य मयंक और पटना के जिला भू अर्जन पदाधिकारी रंजन कुमार चौधरी मौजूद थे.