पटना नगर निगम कर्मियों की पिछले 14 दिनों से चल रही हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गयी. नगर निगम प्रशासन और पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के प्रतिनिधियों के बीच सोमवार और मंगलवार को चली लंबी वार्ता में आठ बिंदुओं पर सहमति बनी थी. इस पर बुधवार दिनभर हड़ताली कर्मियों द्वारा विचार विमर्श किया गया. उसके बाद शाम छह बजे काम पर लौटने का फैसला लिया गया और रात आठ बजे मेयर कक्ष में समझौते पर हस्ताक्षर करके संयुक्त प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की गयी.
समझौते के बाद कर्मचारी नेताओं ने शहर को कचरा मुक्त बनाने के अभियान को पूरा समर्थन देने की बात कही. वहीं, नगर आयुक्त ने शहर में फैली गंदगी को 48 घंटे के भीतर पूरी तरह साफ कर शहर को फिर से पहले की तरह बनाने का दावा किया.इसमें बुधवार रात से ही टीम लग गयी और पूरी रात सफाई कार्य चलाने की घोषणा की गयी. मौके पर महापौर सीता साहू, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, उप-महापौर रेशमी कुमारी, नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह आदि मौजूद थे.
नगर आयुक्त ने हर वार्ड में स्वच्छता भाेज के आयोजन की घोषणा की. इसमें वार्डों के सफाई मजदूर, स्थानीय पार्षद और अधिकारी सभी एक साथ खाना खायेंगे ओर शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए योजना बनायेंगे.
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पटना नगर निगम पटना स्वच्छता लीग आयोजित करेगा. यह आर ब्लॉक के पास फ्लाइओवर के नीचे बने कोर्ट में होगा. इसमें पांच-छह टीमें भाग लेंगी, जिनमें नगर निगम के सफाई मजदूरों, जन प्रतिनिधि, अधिकारी, पत्रकार आदि की टीमें होगी.
1. दैनिक कर्मियों को 450 और 500 रुपये रोज के बदले अब 500 व 550 रुपये रोज अक्टूबर 2023 से मिलेंगे. इस प्रकार इनके मासिक वेतन में 1300 रुपये की वृद्धि होगी.
2. दैनिक कर्मियों के पारिश्रमिक में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर प्रतिवर्ष अप्रैल और अक्टूबर में अनुपातिक वृद्धि की जायेगी.
3. नगर निगम में कार्यरत एजेंसी के कर्मियों के पारिश्रमिक का भुगतान उनके बैंक खाते में सीधे होगा.
4. दैनिक कर्मियों को भुगतान सहित साप्ताहिक अवकाश देने के संबंध में सहमति हुई. इसका प्रस्ताव सशक्त स्थायी समिति व निगम पर्षद की बैठक से पारित कराकर सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जायेगा.
5.19 सितंबर से निगम प्रशासन द्वारा जो कार्रवाई की गयी थी वह रद्द / वापस होगी. कुछ हड़ताली कर्मियों पर मुकदमा दर्ज है, उनमें जो निर्दोष हैं उन पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी.
6. नगरपालिका अधिनियम, 2007 में संशोधन या रद्द करने संबंधी याचिका का सर्वोच्च न्यायालय से निष्पादन होने के बाद ही नगर निगम नियमितीकरण के संबंध में नीतिगत निर्णय ले सकता है. वर्तमान में यह मामला सरकार से संबंधित है. लिहाजा कर्मचारी समन्वय समिति ने उसके समक्ष अपनी मांग रखने की बात कही है.
7. नगर आयुक्त के स्तर पर 2 अक्तूबर को हुई वार्ता की कार्यवाही समन्वय समिति को उपलब्ध करा दी जायेगी.
8. आठ फरवरी 2020 के समझौते से संबंधित पत्र के बिंदुओं के कार्यान्वयन के लिए 15 दिनों के भीतर समीक्षा बैठक की जायेगी.