कचरा निबटारे के लिए पटना नगर निगम विकसित करेगा लैंडफिल साइट, जमीन की हो रही तलाश
राज्य के नगर निकायों में कचरा निष्पादन के लिए लैंडफिल साइट विकसित किये जायेंगे. लैंडफिल साइट में शहर से निकलने वाले कचरा को निष्पादित करने और कचरा से खाद आदि बनाने की सुविधा विकसित होगी.
पटना. राज्य के नगर निकायों में कचरा निष्पादन के लिए लैंडफिल साइट विकसित किये जायेंगे. लैंडफिल साइट में शहर से निकलने वाले कचरा को निष्पादित करने और कचरा से खाद आदि बनाने की सुविधा विकसित होगी.
आने वाले वित्तीय वर्ष में नगर निकास व आवास विभाग इस काम को प्रमुखता से पूरा करने वाला है. इसके लिए सभी निकायों में खाली जमीन की खोज की जा रही है. जिन निकायों के पास अपनी जमीन नहीं है. वहां जमीन की खरीद की जायेगी.
इसके लिए वित्तीय बजट 2021-22 के करीब 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. गौरतलब है कि अधिकतर नगर निगमों के पास अपनी जमीन उपलब्ध है, लेकिन बहुत ऐसे नगर पर्षद व नगर पंचायत एेसी हैं, जहां जमीन नहीं है.
कुछ निकायों के लिए जारी हो चुका है पैसा
राज्य के 29 नगर पंचायतों में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करीब चार करोड़ 66 लाख 64 हजार की राशि की स्वीकृति दी गयी है. इस राशि से इन निकायों में सफाई व्यवस्था के छह संदर्भों में खर्च किये जायेंगे.
विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार सफाई व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए इन निकायों में कचरा के प्रबंधन के लिए लैंडफिल साइट के क्रय करने या विकास करने, कचरा संग्रह के लिए उपकरणों की खरीद करने आदि में खर्च होंगे.
ऐसे सुधरेगी सफाई व्यवस्था
विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देश के अनुसार निकायों को कुल छह मुद्दों पर खर्च करने होंगे. इनमें डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरा संग्रहण के लिए उपकरणों की खरीद करने, कचरा प्रबंधन के लिए लैंडफिल साइट का क्रय और विकास करने के अलावा कचरे से कम्पोस्ट और बिजली बनाने की योजना के सहायता मद में भी राशि देकर इसकी शुरुआत की जायेगी. इसके अलावा नालों की उड़ाही, सफाई एवं सुदृढ़ीकरण करने के अलावा सार्वजनिक स्थलों पर सफाई की विशेष व्यवस्था करने के मद में यह राशि खर्च की जायेगी.
खाद बनाने से निकायों को हो रही कमाई
दरअसल, कचरा निष्पादन नगर निकायों के लिए एक फायदे का सौदा भी हो सकता है. बीते कुछ वर्षों में कुछ नगर निकायों मसलन मुजफ्फरपुर, सुपौल आदि जगहों पर कचरा से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम भी शुरू किया गया है.
खाद को बनाने और उसके बेचने का काम भी किया जा रहा है. इससे निकाय को आमदनी हो रही है. इसी बाबत विभाग की ओर से इस रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है कि सभी निकायों में खाद बनाने की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर शुरू हो. इससे निकायों को घरों से निकलने वाले कचरा को निष्पादित करने में सुविधा होगी और एक आमदनी का जरिया भी बनेगा.
Posted by Ashish Jha