पटना. रूपेश कुमार सिंह की हत्या में अब तक छह अपराधियों के शामिल होने के संकेत पुलिस को जांच के दौरान मिले हैं.
सूत्रों के अनुसार, दो अपराधी रूपेश का एयरपोर्ट से पीछा करते हुए पुनाईचक तक आये. दो अपराधी बलदेव चौक के पास थे और दो उनके अपार्टमेंट के आसपास मंडरा रहे थे.
ये सभी अपराधी एक-दूसरे से मोबाइल फोन से जुड़े थे और रूपेश के संबंध में सूचनाएं एक-दूसरे को दे रहे थे.
रूपेश के पटना एयरपोर्ट से निकलने और पुनाईचक स्थित अपने कुसुम विलास अपार्टमेंट तक पहुंचने की जानकारी अपराधियों ने एक-दूसरे को दी.
सूत्रों के अनुसार, रूपेश की हत्या के मुख्य कारण के रूप में फिलहाल टेंडर ही सामने आया है. इस बिंदु पर पुलिस की विशेष निगाह है.
रूपेश की कई वीआइपी लोगों से दोस्ती थी. वह सभी की मदद करते थे. इसके कारण वह कई वीआइपी लोगों के संपर्क में रहते थे.
पुलिस ने टेंडर के बिंदु पर अपनी जांच तेज कर दी है और जानकारी लेने का प्रयास कर रही है कि रूपेश का किसी से बीते दिनों कुछ विवाद हुआ था या नहीं?
पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि विवाद का कारण टेंडर है या कुछ अन्य कारण? साथ ही रुपयों के लेन-देन आदि पर भी पुलिस की निगाह है. लेकिन अब तक पुलिस को कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है.
समस्तीपुर. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है. इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या दुखदायी व निंदनीय है.
अपराधी बच नहीं सकेंगे. उन्हें पकड़ा जायेगा. वह गुरुवार को भाजपा नेता मनोज कुमार गुप्ता के आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि 15 साल तक राजद की सरकार में अपराधियों को संरक्षण मिलता था, पर नीतीश कुमार की सरकार में कोई घटना होती है, तो अपराधियों पर कार्रवाई होती है. उन्हें जेल जाना पड़ता है. उसे सजा मिलती है.
Posted by Ashish Jha