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बिहार के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन के लिए अभी और करना होगा इंतजार, जानें क्या है इसकी वजह…

बिहार के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. राजद विधायक डॉ रामानुज प्रसाद के ध्यानाकर्षण सूचना पर विधानसभा में गुरुवार को प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मामला कोर्ट में होने के कारण प्रोन्नति में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का निर्देश मिलने तक राज्य सरकार द्वारा इस पर निर्णय लेना संभव नहीं है.

बिहार के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. राजद विधायक डॉ रामानुज प्रसाद के ध्यानाकर्षण सूचना पर विधानसभा में गुरुवार को प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मामला कोर्ट में होने के कारण प्रोन्नति में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का निर्देश मिलने तक राज्य सरकार द्वारा इस पर निर्णय लेना संभव नहीं है. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को प्रोन्नति का लाभ देना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. राज्य सरकार द्वारा 11 अप्रैल 2019 तक प्रोन्नति दी जा रही थी.

इसी बीच अरविंद कुमार बनाम राज्य सरकार मामले में पटना हाईकोर्ट ने इसे आदेश की अवमानना माना है. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. बिहार के महाधिवक्ता से इस मामले में राय ली गयी है. उनकी सलाह पर सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ व विद्वान अधिवक्ता राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे. इसलिए अगली सुनवाई की तिथि और कोर्ट का निर्णय आने तक प्रमोशन देना उचित नहीं होगा.

संस्कृत स्कूल के कर्मियों को वेतनमान संभव नहीं

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौथरी ने कहा कि कोर्ट ने 2008 में ही अनुदानित संस्कृत एवं अल्पसंख्यक विद्यालयों के कर्मियों को सरकारी कर्मचारी नहीं माना है. इसलिए उन्हें सरकारी कर्मी के समान वेतन व अन्य सुविधाएं नहीं दी जा सकती है. कहा कि 1 जनवरी 1990 से कर्मियों को सरकारी कर्मी का वेतन मिला था. इसके बाद यह अध्यादेश के रूप में 30 अप्रैल 1992 तक प्रभावी रहा.

अध्यादेश को अधिनियम नहीं बनाने के कारण यह सुविधा समाप्त हो गयी. 2008 में कोर्ट ने भी इसपर अपना निर्णय दे दिया. इसके प्रश्नगत विद्यालय के कर्मियों को पंचम और छठम वेतन अनुशंसा के अनुरूप देय मिल रहा है. सातवां वेतन अनुशंसा भी इनके लिए लागू कर दिया गया है.

12 को सदन स्थगित रखने की भाजपा की मांग का राजद का समर्थन

सदर 12 मार्च को स्थगित रहेगी. इसका राजद ने समर्थन किया. शिवरात्रि की छुट्टी को लेकर 11 मार्च को विधानमंडल की कार्रवाई नहीं होगी. 13 मार्च को शनिवार और 14 मार्च को रविवार होने के कारण बैठक नहीं होगी. गुरुवार को विधानसभा में भाजपा विधायक विनोद नारायण झा ने 12 मार्च की कार्यवाही को स्थगित करने और इस दिन सूचीबद्ध कार्यों को अन्य दिनों में समाहित करने की मांग आसन से की.

विधायकों के अनुसार एक दिन 12 को सदन खुला रहने से सदस्यों को क्षेत्र जाने-आने में परेशानी होगी. इसलिए 12 मार्च को सदन स्थगित कर दिया गया है. वहीं, 10 मार्च के बाद सीधे 15 मार्च को सदन की बैठक होगी. राजद विधायक ललित कुमार यादव ने उनकी इस मांग का समर्थन किया. सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इसपर निर्णय लिया जाएगा.

News Posted by: Radheshyam Kushwaha

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