पटना. सुरक्षा एजेंसियों के सामने पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के सक्रिय सदस्य व गजवा-ए-हिंद के एडमिन मरगूब दानिश अहमद उर्फ ताहिर ने कई राज उगले हैं. पुलिस व सेंट्रल एजेंसियों ने बुधवार को उससे गहन पूछताछ की है. इस दौरान उससे कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. सूत्रों के अनुसार दानिश पीएफआइ के मीडिया सेल से जुड़ा था और लगातार सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट डालता था. इसके कारण उसके संपर्क में बांग्लादेश व पाकिस्तान के कट्टरपंथी आ गये थे. तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े फैजान ने भी उससे संपर्ककिया था. इस दौरान फैजान ने दानिश को कई विवादित और भड़काऊ पोस्ट भेजे थे.
दानिश को इनको सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की जिम्मेदारी दी गयी थी. दानिश के पास फैजान के तीन नंबर मिले हैं, जिसे उसने अलग-अलग नाम से सेव कर रखा था. सूत्रों के अनुसार सेंट्रल एजेंसियों ने उससे वाट्सएप ग्रुप बनाने का उद्देश्य पूछा. टीम ने यह भी पूछा कि वह अतहर से किस तरह से जुड़ा था. टीम ने अतहर से मिली जानकारियाें का भी उससे क्रॉस वेरीफिकेशन किया. गुरुवार को दानिश की रिमांड की अवधि खत्म हो जायेगी और उसे जेल भेज दिया जायेगा.
पीएफआइ से जुड़े मरगूव दानिश अहमद उर्फ ताहिर कोर्ड वर्ड में अपने पाकिस्तानी और बांग्लादेशी साथियों से बात करता था. टीम अब इस कोड वर्ड को डिकोड करने में लगी है. सूत्रों के अनुसार, सेंट्रल एजेंसी एनआइए और आइबी के साथ ही एटीएस व पटना पुलिस ने उससे चैटिंग के संबंध में पूछताछ की. इधर, सूत्रों का कहना है कि उसके मोबाइल फोन में जयपुर के एक व्यक्ति का नंबर मिला है, जिससे उसने कई बार व्हाट्सअप के माध्यम से चैटिंग की थी. तारिक से पूछताछ के संबंध में फिलहाल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले जो सबूत मिले थे, अब वो धीरे-धीरे पुख्ता हो रहे हैं. साथ ही कई नयी जानकारियां भी मिली हैं, जिसका सत्यापन कराया जा रहा है.
देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार अभियुक्तों से अन्य राज्यों की पुलिस भी पूछताछ कर सकती है या उन्हें रिमांड पर ले सकती है. इस बात की चर्चापुलिस अधिकारियों के बीच चल रही है. सूत्रों की मानें, तो जिन-जिन राज्यों में पीएफआइ और एसडीपीआइ संगठन पर प्रतिबंध लगा हुआ है, वहां की पुलिस इन लोगों से पूछ ताछ कर सकती है. सूत्रों से पता चला है कि गिरफ्तार सभी आरोपी अभी बेउर जेल के गोल घर सेल में ही रहेंगे. उनसे कोई मिल नहीं सकता है. बाहर से केवल कपड़ा ही अंदर जा सकता है.
फुलवारीशरीफ से गिरफ्तार अरमान मलिक और अतहर परवेज द्वारा पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस को कई चौकाने वाली जानकारियां दी गयीं. इसमें उनकी संपति का भी ब्योरा भी शामिल है. जेल भेजे गये अरमान मलिक और सेवानवृित्त दरोगा के पास करोड़ों की संपति का पता चला है. पुलिस को पता चला है कि दोनों ने जमीन के कारोबार से करोड़ों की कमाई करने के साथ करोड़ों का निवेश भी किया है. इन सब बातों का खुलासा पूछताछ के दौरान हुआ है. अरमान मलिक ने अपने आय के साधन में खुद को एक नामचीन स्कूल का प्रार्चाय बताते हुए महज बीस हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलने की बात ही अधिकारियों को बतायी थी.
मदद अब रियाज उर्फ रियाज फरंगीपेट की तलाश है. वह पीएफआइ का राष्ट्रीय स्तर का नेता है व एसडीपीआइ का बिहार प्रभारी है. रियाज मूल रूप से दक्षिण केरल के बनतवाल माजापे बंटवाल का रहने वाला है. सूत्रों का कहना है कि वह काफी दिनों से अतहर के संपर्क में था और पटना के फुलवारीशरीफ में भी कुछ दिन रह चुका है. इसे थानाध्यक्ष एकरार अहमद के दिये गये बयान के आधार पर नामजद अभियुक्त बनाया गया है. पटना पुलिस इसे पकड़ने के लिए जल्द ही केरल रवाना होगी. इसमें एनआइए व आइबी भी मदद करेगी.