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इंतजार खत्म: 21 नवंबर से आम लोगों के लिए खुल जाएगा पटना का तारामंडल, मिलेगा साइंस का न्यू एक्सपीरियंस

21 नवंबर से इंदिरा गांधी विज्ञान तारामंडल आम जनता के लिए खोल दिया जायेगा. ये बातें विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहीं. वह तारामंडल में चल रहे कार्य का औचक निरीक्षण कर रहे थे. उन्होंने अभियंता को तेजी से काम करने के निर्देश भी दिये.

पटना. बिहार के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. 21 नवंबर से इंदिरा गांधी विज्ञान तारामंडल आम जनता के लिए खोल दिया जायेगा. ये बातें विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहीं. वह तारामंडल में चल रहे कार्य का औचक निरीक्षण कर रहे थे. उन्होंने अभियंता को तेजी से काम करने के निर्देश भी दिये. साथ ही यह कहा कि पटना का यह तारामंडल काफी पुराना है. ऐसे में अधिकारियों को भवन को मजबूत और आकर्षक बनाने के साथ ही तय सीमा के अंदर पूर्ण करें. उन्होंने तारामंडल नये सभागार का जायजा लिया.

एक साथ 200 लोग बैठकर थ्रीडी एवं टूडी शो का लुफ्त उठा सकेंगे

तारामंडल के मुख्य कक्ष में एक साथ 200 लोग बैठकर थ्रीडी एवं टूडी शो का लुफ्त उठा सकेंगे. जायजा लेने के क्रम में मंत्री ने ओपन गैलरी, लांज, पार्क, कार्यालय आदि के साथ-साथ ऊपरी तल एवं बाह्य परिसर का मुआयना किया. मौके पर निदेशक उदयन मिश्रा, परियोजना निदेशक अनन्त कुमार व अन्य ने कार्य प्रगति के बारे में जानकारी दी. मालूम हो कि तारामंडल परिसर में आंतरिक सौंदर्यीकरण और भू-दृश्य कार्य की जिम्मेदारी रांची के ठेकेदार दीपांशु प्रमोटर एंड बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दी गयी है.

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अतिरिक्त सुविधाओं से लैस होगा तारामंडल

तारामंडल के बाहरी परिसर में पार्क का निर्माण कराया जा रहा है. जहां बच्चे खेल का आनंद ले सकेंगे. इसमें कई तरह के आधुनिक झूले भी लगाए जा रहे हैं. परिसर के अंदर वीआईपी लाउंज, आधुनिक कैफेटेरिया, स्पेस गैलरी आदि का निर्माण किया जा रहा है. यहां बनने वाले लाउंज में एयरपोर्ट से भी अच्छी सुविधाएं मिलेंगी. वहीं, भवन को खास और आकर्षक बनाने के लिए फसाड लाइटें लगाई जा रही हैं. दरअसल, ये खास तरह की लाइट होती है. फसाड लाइट जिस जगह पर लगती है, उसी पर फोकस्ड रहती है. यानी इसकी रोशनी इधर-उधर नहीं बिखरती. इससे भवन की सुंदरता बढ़ जाती है. यह जानकारी तारामंडल के परियोजना निदेशक अनन्त कुमार ने दी.

अमेरिका से लाया गया स्क्रीन

बताया जाता है कि यहां डोम शेप्ड स्क्रीन है जिसे नए सिरे से रीनोवेट किया जा रहा है. इसके लिए अमेरिका से मंगवाए गए एल्युमिनियम के 16 मीटर डायमीटर का डोम शेप्ड स्क्रीन लगाया जा रहा है. यह शो के डिस्पले को और बेहतर अनुभव प्रदान करेगा. एल्यूमिनियम शीट को लगाने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है, ताकि इंस्टालेशन में समस्या न हो. यहां बीते करीब तीन दशकों से अंतरिक्ष से जुड़े विभिन्न पहलूओं पर शो दिखाया जा रहा है. जो न केवल रोचक बल्कि साइंस के नजरिये से बेहद आकर्षक भी है.

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जर्मनी से लाई गई प्रोजेक्शन सिस्टम

यहां का नया प्रोजेक्शन सिस्टम जर्मनी से मंगाया गया है और दर्शकों को थ्री डी का खास अनुभव कराएगा. तस्वीरें बेहद साफ और बिल्कुल सामने से देखने जैसा अनुभव कराएगा. सभी प्रकार का इंस्टालेशन वर्क फरवरी के पहले हफ्ते से शुरू किये जाने की योजना है. इस पूरे रिनोवेशन वर्क पर 36 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. तय योजना के अनुसार, कुल छह प्रोजेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा. मार्च, 2023 के अंत तक आधुनिकीकरण का काम पूरा करने का लक्ष्य है.

किताबें भी मिलेंगी

पहले यहां केवल शो चलता था. यह सुविधा अब और बेहतर होगी. इसके साथ ही यहां कैंपस में ही साइंस की किताबों का एक बुक स्टॉल भी होगा. बताया जाता है कि साइंस के पाठ्यक्रम पर आधारित किताबें बच्चे यहां पढ़ सकेंगे. इसके लिए यहां स्टॉल लगाया जाएगा. इसके अलावा यहां कैंपस में ही कैफेटेरिया व अन्य जन सुविधाएं भी होंगी. उन्होंने कहा कि यहां आधुनिकीकरण का काम पूरा होने के बाद यह देश के बेस्ट प्लैनेटेरियम में शामिल होगा. इससे शहरवासी ही नहीं, पूरे राज्य के लोगों को साइंस का न्यू एक्सपीरियंस मिलेगा.

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