पटना पुलिस के कई थानेदार और दारोगा घूस लेने के बाद जा चुके हैं जेल, सैकड़ों पुलिसकर्मियों पर गिर चुकी है गाज..
ट्रक चालक से लूटपाट करने वाले अपराधियों की जगह एक कार चालक को केस में फंसाने और उससे घूस लेने के मामले में कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. बेऊर थाने के एसआइ, हवलदार, चालक और होमगार्ड के एक जवान को गिरफ्तार किया गया है. जानिए पटना पुलिस पहले भी किस तरह दागदार हुई थी.
Patna Police News: ट्रक चालक से लूटपाट करने वाले अपराधियों की जगह एक कार चालक व एक अन्य युवक काे केस में फंसा कर जेल भेजने का धौंस दिखा कर 30 हजार 292 रुपये घूस लेने के मामले में बेऊर थाने के एसआइ, हवलदार, चालक और होमगार्ड के एक जवान को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले इस मामले में बेऊर थाने में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. गिरफ्तार चारों पुलिसकर्मियों को जेल भेज दिया है. एक अन्य होमगार्ड का जवान सुमन कुमार फरार है. बेऊर थाने का इतिहास इस मामले में दागदार रहा है. इससे पहले भी 2019 में बेऊर थाने के थानाध्यक्ष समेत 7 पुलिसकर्मियों को घूस लेकर अपराधियों को छोड़ने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
जानिए वो घटना, जिसने पुलिसकर्मियों को पहुंचाया जेल..
बताया जाता है कि बेऊर थाने के सिपारा इलाके में 26 सितंबर की देर रात ट्रक राेककर तीन-चार बदमाश लूटपाट कर रहे थे. इतने में ही कार चालक अभिनव कुमार वहां पहुंच गये. गाड़ी की लाइट को देख कर बदमाश वहां सेनिकल गये. इसी बीच एक और व्यक्ति वहां आ गया. इतने में गश्ती करते हुए बेऊर थाने की पुलिस पहुंच गयी. पुलिस ने लुटेरों को पकड़ने के लिए पीछा नहीं किया और अभिनव व एक अन्य को ही पकड़ लिया. उनको ही लुटेरा बताने लगे और जेल भेजने का डर दिखा कर हिरासत में भी ले लिया. ट्रक चालकों ने भी पुलिस को बताया था कि ये लोग लूटपाट में शामिल नहीं हैं. लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने और पैसे देने पर ही छोड़ने की बात कही. अभिनव व एक अन्य ने डर से ऑनलाइन करीब 15-15 हजार रुपये पुलिसकर्मियों को दे दिया था. जब ये मामला गहराया तो जांच शुरू हुई. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के सारे सबूत थे. इस कारण पैसे वसूले जाने की पुष्टि हो गयी. आरोपी पुलिसकर्मी यह भी नहीं बता पाये कि उन लोगों ने उनसे क्यों पैसे लिये थे. इसके बाद पुलिसकर्मियों द्वारा घूस लेने की पुष्टि करते हुए डीएसपी ने एसएसपी को रिपोर्ट भेज दी. इस रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने तुरंत ही बेऊर थाने में सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया और फिर चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन एक होमगार्ड का जवान सुमन कुमार निकल भागा.
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पहले भी जेल जा चुके हैं रिश्वतखोर पुलिसकर्मी
बता दें कि इससे पहले वर्ष 2019 में बेऊर थाना के थानाध्यक्ष प्रवेश भारती समेत कुल 7 पुलिसकर्मी घूस लेकर लुटेरों को छोड़ने के आरोप में जेल जा चुके हैं. एसआइ सुनील चौधरी, एएसआइ विनोद राय व होमगार्ड के जवान कृष्ण मुरारी व विनोद शर्मा को करीब 19 लाख की लूट करनेवाले लुटरों से रकम लेकर छोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.पिछले चार-पांच साल के अंदर करीब दो दर्जन पुलिसकर्मियों को घूस लेने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है. वहीं 150 से अधिक पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए जा चुके हैं. 15 जुलाई 2019 को नौबतपुर से एक निजी कंपनी का वैन करीब 19 लाख रुपए लेकर रांची जा रहा था. लुटेरों ने वैन के चालक को हथियार दिखाकर रोका और रुपए भरे वैन लेकर भाग गए. बेऊर पुलिस ने लुटेरों को वैन के साथ पकड़ा और थाने लेकर आए. उसके बाद घूस लेकर सबको छोड़ दिया था. इस मामले की जांच की गयी थी और तत्कालीन थानेदार प्रवेश भारती समेत 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित करके गिरफ्तार किया गया था और जेल भेज दिया गया था.
जब मनु महाराज व आइजी नैयर हसनैन खान ने की थी कार्रवाई..
पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने अवैध वसूली मामले में 90 से अधिक पुलिकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया था. करीब पांच साल पहले उन्होंने ये कार्रवाई की थी. मालसलामी और दीदारगंज के थानेदार निलंबित किए गए थे. वहीं करीब 8 साल पहले जब एक सब्जी दुकानदार को हथियार के साथ जेल भेजा गया था और जांच के बाद आरोप गलत साबित हुए थे तो तत्कालीन आइजी नैयर हसनैन खान ने सख्त कार्रवाई की थी और अगमकुआं के थानेदार समेत सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिये गए थे. दानापुर थाने के दारोगा को भी घूस लेते पकड़ा गया था और जेल भेज दिया गया था. दीदारगंज के भी तत्कालीन थानेदार और सिपाही को रिश्वत लेते पकड़ा गया था. 2022 में बिहटा में बालू लदे वाहन से घूस लेने में आधा दर्जन पुलिसकर्मी जेल गए थे. कभी शराब मामले में तो कभी किसी और मामले में, पटना में पुलिकर्मी कई बार घूस लेते पकड़े गए और कार्रवाई की गयी.
पुलिस महकमे में हड़कंप मचा..
बता दें कि अभी बेऊर थाने की एसआइ अंजनी कुमारी, हवलदार सिखारी कुमार, हाेमगार्ड जवान सुबाेध कुमार और पुलिस चालक वीरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा बेऊर थाने के थानाध्यक्ष अतुलेश कुमार काे भी लाइन हाजिर कर दिया है. इस कार्रवाई ने एकबार फिर से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है. वहीं पुलिस प्रशासन की छवि एकबार फिर से धूमिल हुई है. बेऊर थाने का प्रभार इस कार्रवाई के बाद उषा सिन्हा काे दिया गया है. गौरतलब है कि घूस लेने का मामला सामने के आने के बाद एसएसपी राजीव मिश्रा ने फुलवारीशरीफ डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह से जांच करायी थी. इसके बाद कार्रवाई की गयी.