पटना सदर SDO ने आर्डरशीट में ही कर दी छेड़छाड़, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, जानें पूरी बात

जमीनी विवाद से संबंधित मामले में डीएम ने हाइकोर्ट के निर्देश पर विवादित जमीन का निरीक्षण किया था. इसके बाद मामले में कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा एसडीओ भेजी गयी ताकि वह उचित आदेश पारित कर सकें. लेकिन हाइकोर्ट के आदेश के आठ महीने के बाद पटना सदर एसडीओ ने आनन-फानन में गैरकानूनी आदेश पारित कर दिया

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2023 12:44 AM

पटना. जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में ऑर्डरशीट में छेड़छाड़ कर जल्दबाजी में गैरकानूनी आदेश पारित करने पर नाराज पटना हाइकोर्ट ने बुधवार को पटना सदर एसडीओ श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर को फटकार लगायी है. कोर्ट ने उनसे कहा कि आप कैसे आइएएस अधिकारी हैं, जिनको यह नहीं पता है कि आर्डरशीट में छेड़छाड़ करना गैरकानूनी है. कोर्ट ने एसडीओ से कहा कि अगर वह अपने इस तरह के कार्य करने की आदत में सुधार नहीं लायेंगे, तो कोर्ट उनके खिलाफ आदेश पारित कर उनकी सेवा पुस्तिका में अंकित करने का निर्देश सरकार को दे देगा. अगर ऐसा आदेश पारित हो गया, तो इससे उनका पूरा भविष्य बर्बाद हो जायेगा.

तीन सप्ताह बाद फिर होगी सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि पटना जैसे महत्वपूर्ण जगह में उनकी पोस्टिंग इसलिए नहीं की गयी है कि वह बिना देखे और सुने ही किसी भी तरह का आदेश पारित दें. कोट ने इस मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद निर्धारित करते हुए एसडीओ श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर को कहा कि वह सभी संबंधित पक्षों को सुनने के बाद उचित और न्यायोचित आदेश पारित करें.

मौखिक तौर पर लगाई फटकार 

न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने अदालती आदेश की अवमानना को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट के निर्देश पर पटना सदर के एसडीओ संबंधित संचिका के साथ कोर्ट में उपस्थित थे. कोर्ट ने यह टिप्पणी संबंधित संचिका और आर्डरशीट को देखने के बाद मौखिक तौर पर की.

आनन-फानन में पारित किया गैरकानूनी आदेश

मालूम हो कि जमीनी विवाद से संबंधित एक मामले पर पटना के डीएम ने हाइकोर्ट के निर्देश पर विवादित जमीन का निरीक्षण किया था. इसके बाद डीएम ने पटना सदर सीओ को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा एसडीओ को भेजने का निर्देश दिया था, ताकि वह इस मामले में सभी पक्षों को सुन कर उचित आदेश पारित कर सकें. हाइकोर्ट के आदेश के आठ महीने के बाद पटना सदर एसडीओ ने यह गैरकानूनी आदेश आनन-फानन में पारित किया है.

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