लोकसभा और विधानसभा परिसीमन के बाद तीन लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. तीनों लोकसभा चुनावों में राजधानी पटना की सीट हॉट सीट है. इस पर कांग्रेस ने भी अपनी साख दांव पर लगायी. सीट जीतने के लिए तीनों लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजनीति करनेवाले प्रत्याशियों के बीच उपलब्ध नेताओं को अपना टिकट दिया. नेमफेम रहने के बाद भी यह सीट कांग्रेस के पास नहीं आयी
राजधानी पटना में दो लोकसभा क्षेत्र हैं. इनमें पटना साहिब लोकसभा सीट वर्ष 2009, 2014 और 2019 में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारे. पार्टी ने वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव में सिनेमा और टेलीविजन के चर्चित कलाकार शेखर सुमन को अपना प्रत्याशी बनाया . शेखर सुमन के सामने भाजपा ने सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा को मैदान में उतारा. शत्रुघ्न सिन्हा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी पस्त हो गये.
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इसी प्रकार से जब वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ तो उस चुनाव में भी कांग्रेस ने भोजपुरी के अपने समय के प्रसिद्ध सुपर स्टार कुणाल सिंह को मैदान में उतारा था. कुणाल सिंह को भी 2014 के लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिली. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर एक नये प्रत्याशी को अपना सिंबल दिया.
पटना साहिब से लगातार सांसद चुने जानेवाले शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा छोड़ चुके थे. ऐसे में कांग्रेस ने 2019 में शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया. इस बार भाजपा की ओर से पार्टी के फायरब्रांड नेता रविशंकर प्रसाद मैदान में थे. नतीजा निकला कि कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा को हार मिली और फिर एक बार पटना साहिब लोकसभा सीट कांग्रेस के हाथ से फिसल गयी.