पटना. वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन दावोस एजेंडा 2022 में मंगलवार को दुनिया भर के जिन 15 लोगों को वार्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, उनमें पटना के संजय प्रधान भी शामिल हैं. सामाजिक मुद्दों पर काम करने वालों को यह पुरस्कार मिलता है. इसे पाकर संजय प्रधान ने पूरी दुनिया में भारत को गौरवान्वित किया है. उन्हें यह पुरस्कार दुनिया के 78 देशों में गुड गवर्नेंस और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके किये गये बेहतरीन कार्यों को लेकर दिया गया है.
उनके प्रयासों से दुनिया के विभिन्न देशों में भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है और सरकारों का कामकाज पारदर्शी व बेहतर हुआ है. संजय प्रधान ओपेन गवर्नमेंट पार्टनरशिप नाम के अंतरराष्ट्रीय संगठन के छह वर्षों से सीइओ हैं. 10 वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में इसकी स्थापना हुई थी. इसके संस्थापकों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हैं और यह 78 देशों में सक्रिय है. वह इससे पहले 2008 से 2016 तक वर्ल्ड बैंक के वाइस प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं.
प्रभात खबर से बातचीत में संजय प्रधान इस संगठन के कामकाज को समझाते हुए बताते हैं कि उदाहरण के तौर पर यूक्रेन में हमने सरकारी ठेके में भ्रष्टाचार को कम करने में बड़ी कामयाबी पायी. हमारे प्रयासों से वहां की सरकार ने सभी सरकारी ठेके को ऑनलाइन कर दिया.
वह बताते हैं कि मेरा बचपन पटना में बीता है और संत माइकल स्कूल से आठवीं तक की पढ़ाई कर चुका हूं. पटना में मेरे बड़ेभाई डॉ अजीत प्रधान हार्ट सर्जन हैं. उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी आ गये, जहां स्नातक से लेकर पीएचडी तक की.